उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें उद्यमिता की ओर अग्रसर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की महिला लाभार्थियों को 'लखपति दीदी' के रूप में सशक्त किया जाएगा. यह पहल महिलाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और वित्तीय सहायता के माध्यम से एक नया भविष्य देने का प्रयास है.
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जिन महिलाओं को ग्रामीण आवास योजनाओं का लाभ मिला है, उनकी सालाना आय कम से कम 1 लाख रुपये तक पहुंचाई जाए. इसके लिए उन्हें स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups - SHGs) से जोड़ा जाएगा और ट्रेनिंग, लोन, तकनीकी सहयोग सहित अन्य संसाधन मुहैया कराए जाएंगे.
इस अभियान को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के तहत आगे बढ़ाया जाएगा, जिसमें महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP), स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP), राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना (NRETP), दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY), ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) शामिल हैं.
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अब तक राज्य में 8.42 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिनसें 95 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं. सरकार का इरादा है कि और अधिक महिलाओं को इन समूहों में शामिल किया जाए, जिससे उन्हें स्थायी आमदनी और सामाजिक पहचान मिल सके.
जो महिलाएं SHGs के माध्यम से उत्पाद तैयार करेंगी, उन्हें स्थानीय हाट बाजारों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सरकारी मेलों के माध्यम से प्रोडक्ट्स बेचने का मंच भी दिया जाएगा. इससे उनकी आय में प्रत्यक्ष वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजनाओं में महिलाओं को घर की मालकिन बनाने के साथ-साथ रोजगार की दिशा में भी अवसर दिए जा रहे हैं.
आशीष श्रीवास्तव