यूपी की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को 'विकसित उत्तर प्रदेश' समिट का आयोजन हुआ. इस आयोजन के 'उत्तर भारत का सिलिकॉन सिटी' सेशन में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजा अंगामुथु, एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के वीसी प्रोफेसर अनिल वशिष्ठ, एचसीएल ग्रुप की गवर्नमेंट अफेयर एंड पब्लिक पॉलिसी की हेड डॉक्टर कीर्ति करमचंदानी, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पूर्व सीईओ जयंत कृष्णा और इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स यूपी के चेयरमैन मुकेश सिंह ने शिरकत की.
डॉक्टर कीर्ति करमचंदानी ने यूपी सरकार की कार्यशैली की तारीफ की और कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां लखनऊ आ रही हैं. हम लखनऊ से ग्लोबल उपभोक्ताओं को सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम लखनऊ में 500 करोड़ का निवेश कर रहे हैं. हम विस्तार कर रहे हैं.
डॉक्टर करमचंदानी ने एक डेटा सेंटर के भी लखनऊ आने की जानकारी दी और कहा कि शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर होनी चाहिए.
वहीं प्रोफेसर राजा अंगामुथु ने कहा कि सेमी कंडक्टर सेक्टर से भी यूपी में बूम आएगा.
एमिटी यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर अनिल वशिष्ठ ने कहा कि आज का युवा अपने शहर से बाहर नहीं जाना चाहता. वह चाहता है कि वह उसी जगह पर रहकर आगे बढ़े. अच्छी यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री की जरूरत को समझकर कोर्स ऑफर कर रहे हैं.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स का रोल इसमें बहुत बड़ा है. वो बच्चों को बताएं कि क्या क्या योजनाएं हैं सरकार की और उनके लिए क्या-क्या अवसर है. आज हर अच्छी यूनिवर्सिटी अपने यहां इसके लिए सेंटर खोल रही है.
'आईटी इंडस्ट्री में 15 से 16 प्रतिशत लोग यूपी से हैं'
नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पूर्व सीईओ जयंत कृष्णा ने कहा कि हमें कितनी दूर जाना है, इसका अंदाजा लगाना भी जरूरी है. आईटी सेक्टर में 54 करोड़ टोटल एम्प्लॉयमेंट है और इसके तीन गुना लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. टोटल एक्सपोर्ट 200 बिलियन डॉलर है.
उन्होंने एक्सपोर्ट में राज्यों की हिस्सेदारी गिनाई और कहा कि आईटी क्षेत्र में यूपी की हिस्सेदारी एक्सपोर्ट साढ़े चार प्रतिशत है. आईटी इंडस्ट्री में 15 से 16 प्रतिशत लोग यूपी से हैं. जितना फोकस होना चाहिए यूपी का आईटी पर, उतना नहीं गया. यूपी सरकार को इसके लिए भूखा होने की जरूरत है कि कोई थोड़ा भी इंट्रेस्ट दिखाए तो लपक ले.
उन्होंने चंद्रबाबू नायडू का जिक्र करते हुए कहा कि बिल गेट्स आने वाले थे और सीएम ने माइक्रोसॉफ्ट के ऑफिस में फैक्स कर कहा कि हम मिलना चाहते हैं. बिल गेट्स आए तो खुद एयरपोर्ट पहुंचे और रिसीव किया. पूरी टीम लगा दी कि ये निवेश कहीं और न जाए.
'लखनऊ को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाए'
जयंत कृष्णा ने कहा कि यह कह सकते हैं कि नोएडा देश के आईटी मैप पर है. टाइम आ गया है कि लखनऊ को आईटी हब के रूप में विकसित किया जाए. लखनऊ में क्वालिटी ऑफ लाइफ की बात करें तो बहुत से परिवार यहां माइग्रेट कर रहे हैं. खर्चें कम हैं.
जयंत कृष्णा ने कहा कि आईटी कभी भी कहीं भी पूरे मुल्क में नहीं होता. ये हमेशा क्लस्टर में होता है. आईटी को एक फीडर एकेडमिक इंस्टीट्यूशन चाहिए और क्वालिटी ऑफ लाइफ चाहिए. टीसीएस 20 साल पहले आई थी, लेकिन उतना विस्तार नहीं किया जितना करना चाहिए था. एक सेंटर यहां खुला है डेलॉयट का, लेकिन वह 80 लोगों का सेंटर है. हम अट्रैक्ट नहीं कर पाए, वो गंभीरता नहीं थी.
'परसेप्शन बदला और चीजें बेहतर हुईं'
इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स यूपी के चेयरमैन मुकेश सिंह ने कहा कि जो उत्तर प्रदेश आईटी में कहीं जाना भी नहीं जाना जाता था, कोई आईटी कंपनी आती भी नहीं थी, वहां परसेप्शन बदला. लखनऊ को एआई सिटी घोषित किया गया. परसेप्शन बदलता है तो समय बदलता है. लखनऊ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सरकार प्रमोट कर रही है. आज माइक्रोसॉफ्ट का डेटा सेंटर नोएडा में है. एसटीपीआई हमारे पास छह फंक्शनल हैं. आज आईबीएम आई है, जेनपैक्ट आई है.
उन्होंने कहा कि परसेप्शन के साथ चीजें बेहतर हो रही हैं. उत्तर प्रदेश से सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट में छठे स्थान पर हैं. धीरे-धीरे चीजें ठीक हो रही हैं. 16 लाख ग्रेजुएट यूपी से हर साल होते हैं. उनको अवसर मिलेगा तो वे बाहर क्यों जाएंगे. जॉब सीकर जो दूसरे देशों में जाते थे, वह उत्तर प्रदेश के नोएडा और लखनऊ जा रहे हैं. आज की डेट में यूपी में आईटी सेक्टर में साढ़े तीन लाख लोग कार्यरत हैं.
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