UP: ATS के नाम पर किया वीडियो कॉल, पहलगाम हमले के नाम पर युवक को ठगने की कोशिश

सुलतानपुर के उदयभान सिंह को पहलगाम हमले में फर्जी संलिप्तता बताकर ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' का झांसा दिया. खुद को ATS अधिकारी बताकर आधार कार्ड मांगा और बंद कमरे में बात करने का दबाव बनाया. दोस्तों की सूझबूझ से युवक ठगी से बच गया. वहीं, दोस्तों ने ठग को गालियां देते हुए पुलिस में रिपोर्ट की धमकी दी.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो. (AI) प्रतीकात्मक फोटो. (AI)

नितिन श्रीवास्तव

  • सुलतानपुर,
  • 01 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पहलगाम आतंकी हमले के नाम पर एक युवक को डिजिटल तरीके से फंसाने की कोशिश की गई. लेकिन सूझबूझ और दोस्तों की सतर्कता से वह ठगी का शिकार होने से बच गया. अब जानते हैं क्या है पूरा मामला...

मामला हलियापुर थाना क्षेत्र के फत्तेपुर गांव निवासी उदयभान सिंह का है, जो हलियापुर में ई-रिक्शा की दुकान चलाते हैं. 30 जून की शाम करीब 4:50 बजे उनके मोबाइल पर +91-2143-315289 नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को रंजीत कुमार बताया और कहा कि वह 'पहलगाम पुलिस स्टेशन' से बोल रहा है. उसने आरोप लगाया कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकियों ने उदयभान के नंबर से बात की थी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: स्टॉक मार्केट के नाम पर 14.73 लाख की साइबर ठगी, बोकारो पुलिस ने इंदौर से तीन शातिर ठगों को दबोचा

उदयभान ने जब इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वह कभी कश्मीर गए ही नहीं, तो कॉल करने वाले ने कहा कि वह लखनऊ स्थित उच्च अधिकारी से कॉल ट्रांसफर कर रहा है और अब जैसा कहा जाए, वैसा करना होगा. इसके बाद एक और नंबर 9465805094 से कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को प्रेम कुमार गौतम और ATS डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया. उसने उदयभान को किसी बंद कमरे में जाकर बात करने और आधार कार्ड भेजने के लिए कहा.

सतर्क उदयभान ने अपने मित्र आशीष सिंह के घर जाकर बात की, लेकिन आशीष ने दरवाजा बंद नहीं करने दिया और तुरंत अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दी. व्हाट्सएप पर कॉल और संदेशों में "ATS DEPARTMENT" लिखा गया था और आधार कार्ड मांगा जा रहा था. लेकिन साथियों की समझदारी से उदयभान ने कोई दस्तावेज साझा नहीं किया. जब वीडियो कॉल की गई तो कॉलर ने अपना चेहरा छुपा रखा था. इस पर दोस्तों ने ठग को गालियां देते हुए पुलिस में रिपोर्ट की धमकी दी. इसके बाद कॉल तुरंत काट दी गई और व्हाट्सएप डीपी भी हटा दी गई.

Advertisement

फिलहाल युवक की सतर्कता और उसके साथियों की सूझबूझ से यह बड़ी ठगी टल गई. हालांकि पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन यह मामला सभी के लिए चेतावनी है कि साइबर ठग अब देश की संवेदनशील घटनाओं को भी ठगी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement