उत्तर प्रदेश के वाराणसी की गलियों में घूमने वाली डॉगी जया नीदरलैंड जाने वाली है. 31 अक्टूबर को जया दिल्ली से एम्सटर्डम की फ्लाइट से रवाना होगी. पिछले साल नीदरलैंड की मिरल जब बनारस घूमने आईं तो बनारस की गलियों में घूमने वाले स्ट्रीट डॉग्स से उन्हें लगाव हो गया. एक एनजीओ की मदद से उन्होंने स्ट्रीट डॉगी जया को गोद लेने की कानूनी प्रकिया को पूरा किया.
जानकारी के अनुसार, नीदरलैंड की रहने वाली Meral Bontenbel अक्सर वाराणसी आती-जाती रहती हैं. उन्हें जया नाम की स्ट्रीट डॉगी वाराणसी में मिली थी. जिस समय जया नीदरलैंड की मिरल को मिली थी, उस समय उसकी हालत काफी खराब थी.
इसके बाद डॉग केयर संस्था से उन्होंने संपर्क किया और जया का ट्रीटमेंट कराया गया. मिरल ने जया को अपने साथ ले जाने की इच्छा जाहिर की. इस पर संस्था ने सहमति दे दी और सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कराईं. स्ट्रीट डॉगी जया का बाकायदा वीजा और पासपोर्ट भी बनाया गया है.
डॉगी का रेबीज टेस्ट कराया गया, तब हुआ अप्रूवल
वाराणसी की स्वयं सेवी संस्था एनिमोटल केयर ट्रस्ट आवारा डॉग्स की केयर की जिम्मेदारी उठाती है. इसी संस्था के माध्यम से नीदरलैंड की महिला स्ट्रीट डॉगी जया को अपने साथ ले जा रही है. डॉगी का रेबीज टेस्ट हुआ, जो वाराणसी के बाद नीदरलैंड में भी किया गया. दोनों जगह से अप्रूवल मिलने के बाद जया का पासपोर्ट तैयार हुआ.
जया को वाराणसी से दिल्ली ले जाया जाएगा. इसके बाद 31 अक्टूबर को नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम के लिए फ्लाइट से रवाना होगी. तब तक के लिए जया को क्वारन्टीन में रखा जाएगा, ताकि किसी तरह का इन्फेक्शन विदेशी धरती पर ना पहुंच सके.
डॉग केयर संस्था की मदद से पूरी कराई गई कानूनी प्रक्रिया
डॉग केयर संस्था एनिमोटल के डॉ. इंद्रनील बसु ने बताया कि इतनी कठिन कानूनी प्रक्रिया के बाद जया आज दिल्ली के लिए रवाना हो रही है. जया को प्रॉपर ट्रेनिंग दी गई है, ताकि वह नीदरलैंड के वातावरण में खुद को ढाल सके.
नीदरलैंड की रहने वाली मिरल का वाराणसी में आना-जाना काफी होता है, इसलिए मिरल इंग्लिश के अलावा हिंदी भी बोल लेती हैं. अब दोनों एक दूसरे की भाषा को न सिर्फ समझते हैं, बल्कि एक दूसरे को प्यार भी करने लगे. (एजेंसी)
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