घना कोहरा, सख्त नियम... 50 मीटर से कम दिखे तो रोक दी जाएंगी बसें, परिवहन विभाग का बड़ा फैसला

यूपी में घने कोहरे को देखते हुए परिवहन विभाग ने बस संचालन पर सख्त निर्देश जारी किए हैं. दृश्यता 50 मीटर से कम होने पर बसों को टोल प्लाजा या सुरक्षित स्थलों पर रोका जाएगा. अत्यधिक कोहरे में रात का संचालन बंद रहेगा. मजबूरी में बसें ग्रुप में धीमी गति से चलेंगी. चालकों को फॉग लाइट व सुरक्षा उपकरण अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए हैं.

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लगातार बढ़ रहे घने कोहरे के कारण यूपी परिवहन विभाग ने कई फैसले लिए हैं (Photo: PTI) लगातार बढ़ रहे घने कोहरे के कारण यूपी परिवहन विभाग ने कई फैसले लिए हैं (Photo: PTI)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:13 AM IST

सर्दी के साथ-साथ घने कोहरे ने दस्तक दे दी है. बीते कुछ दिनों से प्रदेश के कई हिस्सों में दृश्यता लगातार घट रही है, जिससे सड़क हादसों की संख्या बढ़ती जा रही है. खासकर एक्सप्रेस-वे, हाईवे और लंबे रूट पर चलने वाली बसों के लिए हालात चुनौतीपूर्ण हो गए हैं. इसी को देखते हुए परिवहन विभाग ने बस संचालन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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परिवहन विभाग का मानना है कि कोहरे में जरा-सी लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती है. कई बार दृश्यता इतनी कम हो जाती है कि सामने चल रहे वाहन का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में बस जैसे भारी और यात्री-भरे वाहनों का संचालन और भी संवेदनशील हो जाता है. परिवहन विभाग ने अपने निर्देशों में साफ किया है कि यदि एक्सप्रेस-वे या अन्य मार्गों पर दृश्यता 50 मीटर से कम हो जाए, तो बसों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर रोका जाए. इसके लिए टोल प्लाजा, जन सुविधा केंद्र, विश्राम स्थल या अन्य चिन्हित सुरक्षित स्थानों का उपयोग किया जाएगा. विभाग का कहना है कि ऐसे स्थानों पर बसों को रोकने से न केवल चालक और यात्रियों को सुरक्षित माहौल मिलता है, बल्कि यातायात व्यवस्था भी नियंत्रित रहती है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पहले से ही अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे सुरक्षित स्थलों की पहचान कर लें, ताकि आपात स्थिति में बसों को बिना किसी भ्रम के वहीं रोका जा सके. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यात्रियों को ठंड या असुविधा का सामना न करना पड़े.

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रात में बस संचालन पर पूरी तरह रोक

घने कोहरे की स्थिति में विशेष रूप से रात के समय बसों का संचालन हर हाल में रोकने के निर्देश दिए गए हैं. परिवहन विभाग का मानना है कि रात के अंधेरे और कोहरे का मेल हादसों की आशंका को कई गुना बढ़ा देता है. ऐसे में जोखिम उठाने के बजाय बसों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करना ही बेहतर विकल्प है. निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि यदि मौसम की स्थिति अत्यधिक खराब हो और दृश्यता नाममात्र रह जाए, तो किसी भी दबाव में आकर बसों को चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यात्रियों को समय से पहले ही स्थिति की जानकारी देकर वैकल्पिक व्यवस्था या सुरक्षित प्रतीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा.

मजबूरी में यात्रा, तो ग्रुप में और धीमी गति से संचालन

हालांकि विभाग ने यह भी स्वीकार किया है कि कुछ परिस्थितियों में यात्रियों की यात्रा अत्यंत आवश्यक हो सकती है. ऐसे मामलों में बसों का संचालन पूरी तरह बंद करने के बजाय सुरक्षा मानकों के तहत विशेष व्यवस्था अपनाने के निर्देश दिए गए हैं. यदि किसी मार्ग पर यात्री मौजूद हों और यात्रा टालना संभव न हो, तो बसों को ग्रुप में चलाया जाएगा. इसका उद्देश्य यह है कि आगे चल रही बस को देखकर पीछे वाली बस का चालक दिशा और दूरी का अनुमान लगा सके. साथ ही सभी बसें धीमी गति से चलेंगी, ताकि अचानक ब्रेक लगाने या मोड़ पर नियंत्रण खोने की स्थिति न बने. इस व्यवस्था से हादसों की आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

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मौसम पर लगातार नजर, प्रशासन से समन्वय

परिवहन विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखें. इसके लिए स्थानीय प्रशासन, मौसम विभाग और यातायात पुलिस के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा गया है. जैसे ही कोहरे की तीव्रता बढ़े या दृश्यता खतरनाक स्तर तक पहुंचे, तुरंत निर्णय लेकर बस संचालन को नियंत्रित किया जाए. जिलों के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) और डिपो प्रबंधकों को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा कंट्रोल रूम के माध्यम से भी जानकारी साझा की जाएगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके.

सुरक्षा उपकरणों का अनिवार्य उपयोग

बस चालकों को फॉग लाइट, रिफ्लेक्टर, इंडिकेटर सहित सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरणों के अनिवार्य उपयोग के निर्देश दिए गए हैं. विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना फॉग लाइट या खराब रिफ्लेक्टर वाली बसों को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही बसों की नियमित जांच सुनिश्चित करने को कहा गया है. ब्रेक, टायर, हेडलाइट, इंडिकेटर और अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच के बाद ही बसों को संचालन की अनुमति दी जाएगी. चालक और परिचालकों को भी विशेष सावधानी बरतने, गति सीमा का पालन करने और यात्रियों को लगातार स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

परिवहन विभाग का कहना है कि ये दिशा-निर्देश किसी औपचारिकता के लिए नहीं, बल्कि यात्रियों की जान बचाने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं. विभाग ने साफ शब्दों में कहा है कि समय से पहले पहुंचने की जल्दबाजी या दबाव के चलते कोई भी जोखिम स्वीकार नहीं किया जाएगा. यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे कोहरे की स्थिति में धैर्य रखें और अधिकारियों व चालकों के निर्देशों का पालन करें. यदि बस को किसी सुरक्षित स्थान पर रोका जाता है, तो इसे असुविधा के बजाय सुरक्षा के कदम के रूप में समझें.

पिछले अनुभवों से लिया गया सबकप्रदेश में इससे पहले भी कोहरे के कारण कई बड़े सड़क हादसे हो चुके हैं. एक्सप्रेस-वे पर कम दृश्यता के चलते कई बार वाहनों की टक्कर की घटनाएं सामने आई हैं. अभी मथुरा में एक्सप्रेसवे में हुई घटना में 18 लोगों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था. इन्हीं घटनाओं से सबक लेते हुए परिवहन विभाग ने इस बार पहले से ही सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ये दिशा-निर्देश ईमानदारी से लागू किए गए, तो कोहरे के मौसम में होने वाले हादसों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है. खासकर 50 मीटर से कम दृश्यता पर बसों को रोकने का निर्णय एक अहम कदम माना जा रहा है.

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