AI के इस्तेमाल को लेकर सीएम योगी का बड़ा आदेश, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का अब ऐसे होगा प्रयोग

लखनऊ में ‘पुलिस मंथन–2025’ के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस को AI और आधुनिक तकनीक के जरिए संगठित धर्मांतरण रैकेट, आतंकवाद, नशे और गो-तस्करी पर निर्णायक कार्रवाई के निर्देश दिए. सोशल मीडिया, साइबर अपराध, डीपफेक और दुष्प्रचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने, सीमा सुरक्षा मजबूत करने और अपराधी नेटवर्क के मास्टरमाइंड पर सीधा प्रहार करने पर जोर दिया.

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लखनऊ में पुलिस मंथन 2025 कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी (Photo: ITG) लखनऊ में पुलिस मंथन 2025 कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी (Photo: ITG)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST

यूपी में कानून-व्यवस्था को नई धार देने और बदलती चुनौतियों के अनुरूप पुलिसिंग को आधुनिक स्वरूप देने के उद्देश्य से आयोजित ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन–2025 का समापन हो गया है. दो दिवसीय इस मंथन के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में यह संकेत दिया कि अब प्रदेश में अपराध, अराजकता, आतंकवाद, नशे के नेटवर्क और संगठित धर्मांतरण रैकेट के लिए कोई जगह नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने पुलिस और खुफिया तंत्र को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सहित अत्याधुनिक तकनीक के व्यापक उपयोग के निर्देश देते हुए कहा कि बदलते समय में अपराधियों की रणनीतियां भी हाईटेक हो चुकी हैं, ऐसे में पुलिस को उनसे एक कदम आगे रहना होगा.

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समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया और साइबर स्पेस आज केवल संवाद का माध्यम नहीं रह गए हैं, बल्कि इन्हें समाज को तोड़ने, भ्रम फैलाने और कानून-व्यवस्था को चुनौती देने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर सतत और सख़्त निगरानी रखी जाए तथा जातीय और धार्मिक सौहार्द को प्रभावित करने वाले किसी भी कंटेंट के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की शांति, सुरक्षा और सामाजिक एकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

सोशल मीडिया और साइबर अपराध पर सख़्त निगरानी के निर्देश

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग, फेक न्यूज, दुष्प्रचार, डीपफेक, डार्क वेब और साइबर अपराध से जुड़ी बढ़ती चुनौतियों पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आज अपराध केवल सड़कों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए भी समाज को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों को तकनीकी रूप से और अधिक सक्षम होना होगा. योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर कानून-व्यवस्था, जातीय एवं धार्मिक सौहार्द को प्रभावित करने वाले किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट, वीडियो या संदेश पर तत्काल संज्ञान लिया जाए. फेक अकाउंट, बॉट नेटवर्क और संगठित दुष्प्रचार अभियानों की पहचान कर उनके खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जाति या धर्म के नाम पर समाज को बांटने, पुलिस पर दबाव बनाने या अराजकता फैलाने वालों के प्रति किसी भी तरह की नरमी न बरती जाए.

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मुख्यमंत्री ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि कुछ असामाजिक तत्व महापुरुषों और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के नाम का दुरुपयोग कर नए-नए संगठन खड़े कर रहे हैं और इसके जरिए भ्रम व अव्यवस्था फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस को ऐसे संगठनों की पृष्ठभूमि की गहन जांच करने, उनके फंडिंग सोर्स की पड़ताल करने और नेटवर्क को जड़ से ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए.

धार्मिक कन्वर्जन की घटनाओं पर विशेष सतर्कता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठित धार्मिक कन्वर्जन को प्रदेश के लिए एक गंभीर चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि बलरामपुर जैसी घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि धर्मांतरण के प्रयास अब व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सुनियोजित और संगठित तरीके से किए जा रहे हैं. कई मामलों में इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और सुनियोजित नेटवर्क काम कर रहे हैं, जिन्हें समय रहते तोड़ना बेहद जरूरी है. मुख्यमंत्री ने पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों को निर्देश दिए कि धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियों पर निरंतर नजर रखी जाए. सोशल मीडिया, डिजिटल लेन-देन और संदिग्ध संगठनों की गतिविधियों के जरिए इंटेलिजेंस को और मजबूत किया जाए. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को प्रारंभिक स्तर पर ही चिन्हित कर प्रभावी कार्रवाई की जाए, ताकि बड़ी घटनाओं को रोका जा सके. उन्होंने पुलिस के अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में लोकल इनपुट, जमीनी सूचना और तकनीकी निगरानी को और अधिक सक्रिय व प्रभावी बनाने की जरूरत है. प्रदेश में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए समयबद्ध और ठोस कार्रवाई बेहद जरूरी है.

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सीमा सुरक्षा एवं आतंकवाद निरोधक तंत्र को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने पर जोर

मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से उत्पन्न हो रही आतंकवादी गतिविधियों और नशीले पदार्थों की तस्करी पर भी विशेष रूप से चर्चा की. उन्होंने कहा कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, आतंकी नेटवर्क और ड्रग्स तस्करी प्रदेश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं. उन्होंने सीमा निगरानी (सर्विलांस) को और अधिक सुदृढ़ करने, आधुनिक तकनीक, ड्रोन, सेंसर और AI आधारित सिस्टम के उपयोग को बढ़ाने के निर्देश दिए. ‘अंतरराष्ट्रीय अनुदानित धर्मांतरण रैकेट’ पर प्रहार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वित्तीय ट्रेल एनालिसिस, तकनीकी विश्लेषण और आधुनिक संसाधनों के समन्वित उपयोग पर विशेष जोर दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी चाहे कितने भी शातिर क्यों न हों, तकनीक के सही इस्तेमाल से उनके नेटवर्क को उजागर किया जा सकता है.

नशीले पदार्थों की तस्करी एवं संगठित अपराध पर सख़्ती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ पुलिस की अब तक की कार्रवाई की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को और अधिक निर्णायक बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए पुलिस, नारकोटिक्स विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और रियल-टाइम सूचना साझा करने पर जोर दिया गया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अपराधी नेटवर्क की पूरी श्रृंखला को तोड़ने की रणनीति अपनाई जाए, ताकि केवल छोटे अपराधी ही नहीं, बल्कि इसके पीछे काम कर रहे सरगनाओं पर भी शिकंजा कसा जा सके. इससे संगठित अपराध के मनोबल को तोड़ने में मदद मिलेगी.

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गो-तस्करी और मास्टरमाइंड पर प्रहार की रणनीति

गो-तस्करी के मामलों पर मुख्यमंत्री ने सख़्त रुख अपनाते हुए कहा कि केवल त्वरित गिरफ्तारी ही पर्याप्त नहीं है. उन्होंने निर्देश दिए कि गो-तस्करी से जुड़े पूरे नेटवर्क, उसके फंडिंग सोर्स और मास्टरमाइंड की पहचान कर उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए. इससे प्रदेश में यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि संगठित अपराध को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि गो-तस्करी न केवल कानून-व्यवस्था का सवाल है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक अपराध भी है, जिसे जड़ से समाप्त करना जरूरी है. उन्होंने इस दिशा में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना भी की.

पुलिस मंथन के सत्रों में उभरती चुनौतियों पर मंथन

‘पुलिस मंथन’ कार्यक्रम के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में आधुनिक पुलिसिंग से जुड़े अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई. सत्र 8 में आपदा प्रबंधन, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स की भूमिका पर प्रस्तुतिकरण हुआ, जिसमें बदलते जलवायु परिदृश्य और आपदाओं से निपटने की रणनीतियों पर फोकस किया गया. सत्र 9 में विशाल जनसमूह और भीड़ प्रबंधन पर चर्चा हुई, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक आयोजनों के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से विचार किया गया. सत्र 10 में खुफिया तंत्र और उभरती चुनौतियों जैसे सोशल मीडिया, एनजीओ और नेपाल सीमा से जुड़े मुद्दों पर प्रस्तुति दी गई. वहीं सत्र 11 में आतंकवाद-रोधी कार्रवाई, मादक पदार्थों की तस्करी, गो-तस्करी और अन्य संगठित अपराधों पर मंथन हुआ.

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