मीरापुर उपचुनाव पर कार्तिक मेले का असर, तारीख बदलने के लिए चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी

शुक्रताल (शुक्र तीर्थ नगरी) को पश्चिम उत्तर प्रदेश में एक बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता है, जिसके चलते दूर-दराज से आकर श्रद्धालु यहां लगने वाले कार्तिक गंगा स्नान मेले में हिस्सा लेते हैं. साथ ही आसपास के गांव से भी यहां बड़ी तादाद में लोग कई कई दिन पहले ही पहुंचकर यहां अस्थायी निवास बना लेते हैं.

Advertisement
उत्तर प्रदेश उपचुनाव उत्तर प्रदेश उपचुनाव

संदीप सैनी

  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर अब जहां राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं तो वहीं मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर विधानसभा सीट पर भी 13 नवंबर को उपचुनाव होना है, लेकिन इस विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले शुक्रताल (शुक्रतीर्थ नगरी ) क्षेत्र में 11 नवंबर से 15 नवंबर तक कार्तिक मेले का आयोजन जिला पंचायत के द्वारा हर वर्ष कराया जाता है.

Advertisement

जिसको लेकर 13 तारीख में होने वाले मतदान को अब 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को कराए जाने की चुनाव आयोग से मांग की गई है. इसबारे में उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल का कहना है कि इस बाबत चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है और उम्मीद है कि चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है तो वहीं कार्तिक मेले का आयोजन करने वाली जिला पंचायत के अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल का कहना है कि इस बार के मेले को लेकर टेंडर की अनुमति तो लगभग चुनाव आयोग से मिल गई है, लेकिन अब आचार संहिता के चलते मेले का न तो उद्घाटन ही होगा और न ही होर्डिंग लगाकर प्रचार ही किया जाएगा.

वीरपाल निर्मल का कहना है कि इस बार का मेला तो फीका रहेगा ही साथ ही 13 नवंबर को जो चुनाव होगा उसका मत प्रतिशत भी कम रहेगा, क्योंकि लोग कार्तिक मेले के स्नान में हिस्सा लेंगे. जिसकी वजह से वह वोट नहीं डाल पाएंगे. जिला पंचायत अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मतदान की तारीख बढ़ाने को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है. जिसमें कहा गया है कि 13 नवंबर की जगह यहां पर 20 नवंबर चुनाव करवाया जाए जिससे कि 11 तारीख से 15 तारीख तक चलने वाला कार्तिक स्नान का यह मेला भी संपन्न हो सके और चुनाव पर भी इसका कोई असर न पड़े.

Advertisement

बता दें कि शुक्रताल (शुक्र तीर्थ नगरी) को पश्चिम उत्तर प्रदेश में एक बड़ा धार्मिक स्थल माना जाता है, जिसके चलते दूर-दराज से आकर श्रद्धालु यहां लगने वाले कार्तिक गंगा स्नान मेले में हिस्सा लेते हैं. साथ ही आसपास के गांव से भी यहां बड़ी तादाद में लोग कई कई दिन पहले ही पहुंचकर अपने तंबू गाड़ देते हैं. जानकारी के मुताबिक शुक्रताल एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां शुकदेव जी ने तकरीबन 5000 वर्ष पूर्व राजा परीक्षित को वट वृक्ष के नीचे श्रीमद् भागवत की कथा सुनाई थी, यह वट वृक्ष आज भी यहां पर मौजूद है जिसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालु हमेशा यहां दूर दराज से पहुंचते हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement