दीवाली पर यूपी में होगी कड़ी सुरक्षा, DGP प्रशांत कुमार ने दिए सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश में दीवाली की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए सोशल मीडिया की निगरानी करने को कहा है. ताकि, सुरक्षा से जुड़ी कोई चूक न हो.

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संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 9:01 PM IST

उत्तर प्रदेश में धनतेरस और दिवाली को बिना किसी घटना के मनाने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी. राज्य के पुलिस प्रमुख ने अधिकारियों से अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे सक्रिय करने के साथ ही किसी भी शरारती गतिविधि के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखने को कहा है. दीवाली के दौरान अयोध्या की विशेष सुरक्षा रहेगी. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने अधिकारियों से "इलाके में सभी धर्मशालाओं, होटलों, ढाबों और लॉज पर कड़ी नजर रखने" और संदिग्ध व्यक्तियों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है.

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राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक शहर में आठवां दीपोत्सव मनाया जाएगा. जिसका लक्ष्य विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए सरयू नदी के किनारे 28 लाख मिट्टी के दीये जलाना है. अयोध्या में राम मंदिर में भी एक विशेष दीप-प्रज्वलन समारोह की योजना बनाई गई है. डीजीपी कुमार ने अधिकारियों को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया और किसी भी भ्रामक पोस्ट के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने को कहा है. 

पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशकों, आयुक्तों, महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने कड़ी सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया. सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थलों पर चौबीसों घंटे पुलिस की तैनाती के साथ-साथ यातायात प्रबंधन के उपाय शामिल होंगे. ताकि प्रमुख मार्गों पर पार्किंग स्थलों के साथ सुचारू आवागमन सुनिश्चित किया जा सके. सरयू नदी पर भी गश्त अनिवार्य कर दी गई है.

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डीजीपी ने कहा कि पुलिस स्टेशन स्तर पर सभी विस्फोटक सामग्री और पटाखा विक्रेताओं के लाइसेंस को अपडेट किया जाना चाहिए और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, सर्किल अधिकारियों और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्माण स्थलों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए. कुमार ने जोर देकर कहा कि पटाखों को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर रखा जाना चाहिए और पर्याप्त अग्निशमन व्यवस्था के साथ बेचा जाना चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी भी नए रीति-रिवाज या प्रथा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और विशेष निगरानी के लिए असामाजिक तत्वों की सूची को अपडेट किया जाना चाहिए. 

कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों को पर्याप्त पुलिस और पीएसी कर्मियों की तैनाती के साथ सघन गश्त करने के निर्देश दिए. उन्होंने विवादों को मौके पर ही सुलझाने और प्रत्येक जिले में दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित करने को कहा. बयान के अनुसार रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों के साथ-साथ नदियों और घाटों पर समुचित पुलिस व्यवस्था कर विशेष सतर्कता बरती जाए. 

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