उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र और झारखंड के हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान एक नारा दिया था- एक हैं तो नेक हैं, बंटेंगे तो कटेंगे. क्या ये हिंदू ध्रुवीकरण की सबसे बड़ी कोशिश है? संगमनगरी प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन से पहले आजतक की धर्म संसद में सीएम योगी ने इस सवाल का जवाब दिया. सीएम योगी ने कहा कि ये हिंदू ध्रुवीकरण नहीं, हिंदू ध्रुवीकरण कोई बात ही नहीं है. ये तो भारत के इतिहास के बारे में है. उन्होंने कहा कि लोगों को स्मरण कराने का एक अवसर था कि इतिहास उठाकर देखो.
यूपी के सीएम ने आगे कहा कि इतिहास को उठाकर एक बार आप झांकेंगे, तब इस बात को देखेंगे कि बंटे थे तो कटे थे. उन्होंने कहा कि अगर आप इतिहास की उस गलती से सबक सीखेंगे तो फिर कभी भी ऐसी नौबत नहीं आएगी कि कोई गुलामी की बेड़ियों के साथ हमें जकड़ पाएगा. ये नारा उन्हीं सब मुद्दों को लेकर के था. सीएम योगी ने कहा कि इंडी गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) ने लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार किया था. कैसा विदेशी पैसा लगा था और किस तरह से संविधान के बारे में दुष्प्रचार कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने स्वयं संविधान का गला घोंटा है. बाबा साहब ने जो मूल प्रति संविधान सभा में प्रस्तुत किया था और जिसे लागू किया गया था, उसमें कहीं भी सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द नहीं हैं. ये शब्द तब डाला गया जब देश में आपातकाल लागू था. सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने लोकतंत्र का, संविधान का गला घोंटा था वे लोग संविधान की प्रति हाथों में लेकर लोगों को बेवकूफ बना रहे थे. उन्होंने कहा कि देश की जनता इन लोगों को समझ गई है और इसीलिए आज सबक सिखा रही है.
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सीएम योगी ने कहा कि आज विरासत और विकास का अद्भुत समन्वय पूरे देश के अंदर देखने को मिल रहा है. हर भारतवासी एक नए भारत का दर्शन कर रहा है और इसके लिए उतावला है. उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र ने एक बार फिर से इंडी गठबंधन को सबक सिखाया है. सीएम योगी ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती इन जातिवादी नेताओं से है जो जाति, भाषा के आधार पर देश को बांटने का काम कर रहे हैं. जिन्हें भारत के गौरव पर गौरव की अनुभूति न होती हो, भारत के दूसरे हिस्से में जाएंगे तो एक हिस्से की बुराई करते हैं और बाहर जाएंगे तो भारत की बुराई करते हैं. ऐसे नेताओं से भारत को खतरा है.
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उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के एक बयान को कोट करते हुए विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि ये उसी प्रकार के आस्तीन के सांप हैं जो भारत में जातीय वैमनस्यता का जहर घोलकर के, आपस में ही लड़ाकर के, उन विदेशी दुश्मनों की तरह खतरनाक खेल खेलने का काम कर रहे हैं जो कभी विदेशी आक्रांता करते थे. ऐसे लोगों से हमें सावधान रहना पड़ेगा. सीएम योगी ने इस नारे को एक समुदाय विशेष से जोड़े जाने को लेकर सवाल पर कहा कि जिसको भारत में रहना होगा, उसको भारत की आस्था का सम्मान करना होगा. उन्होंने कहा कि कोई किसी मुस्लिम देश में चला जाए तो क्या ये संभव है कि उनकी आस्था को ठेस पहुंचाकर वहां रह पाएगा?
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सीएम योगी ने तल्ख लहजे में कहा कि क्यों भारत को धर्मशाला बना लिए. क्यों भारत के अंदर रहकर भारत के प्रतीकों पर कुठाराघात करते हैं. क्यों भारत की विरासत को गाली देते हैं. क्यों भारत के आस्था के प्रतीकों पर हमला करते हैं. जिसको मर्जी आ रही है, कुंभ को लेकर कुछ भी बोल दे रहा है. उन्होंने राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कहा कि ट्रस्ट की ओर से सबको आमंत्रण था लेकिन कुछ लोग् नहीं आए क्योंकि उनको वोटबैंक की चिंता थी. सीएम योगी ने कहा कि उन्हें भारत की सनातन आस्था की चिंता नहीं थी. जो लोग देश और सनातन आस्था से ऊपर वोटबैंक को रखते हैं, वही लोग समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं और उनसे ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है.
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