दोस्ती, प्यार और खून... बहन से अफेयर में सात दोस्तों के सामने धड़ से अलग कर दिया सिर, कानपुर में सनसनीखेज वारदात

कानपुर में दोस्ती, प्यार और दुश्मनी से जुड़ी सनसनीखेज वारदात सामने आई है. पवन ने अपनी बहन से प्रेम संबंधों की वजह से जिगरी दोस्त ऋषिकेश को गणेश उत्सव के बहाने बुलाकर अपहरण किया और साथियों संग जंगल में ले जाकर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया. शव गंगा में फेंका गया. पुलिस ने आठ आरोपियों में से चार को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी फरार हैं.

Advertisement
कानपुर की दोस्त को मारकर उसका सिर गंगा नदी में फेंक दिया (Photo: ITG) कानपुर की दोस्त को मारकर उसका सिर गंगा नदी में फेंक दिया (Photo: ITG)

रंजय सिंह

  • कानपुर ,
  • 02 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

कानपुर के चकेरी इलाके में हुई दोस्ती, विश्वास और प्रतिशोध की ऐसी खतरनाक वारदात हुई, जिसने सुना वह सन्न रह गया. कहानी की शुरुआत होती है दो जिगरी दोस्तों से, लेकिन उसका अंत खून, गंगा और एक सनसनीखेज पुलिस खुलासे पर जाकर होता है.

दोस्ती का रिश्ता और जन्मी दुश्मनी

ऋषिकेश और पवन मोहल्ले के ही दोस्त थे. साथ घूमना-फिरना, चाय की दुकानों पर घंटों बैठना, त्योहारों में एक-दूसरे के घर आना-जाना. दोनों की दोस्ती मोहल्ले में मिसाल मानी जाती थी. मगर जब पवन जेल चला गया, तभी इस रिश्ते में दरार पड़ गई. जेल से बाहर आने पर पवन को यह चुभने वाली सच्चाई पता चली कि उसके सबसे करीबी दोस्त ऋषिकेश के उसकी बहन से प्रेम संबंध बन गए थे. यही प्यार पवन को बर्दाश्त नहीं हुआ. दोस्ती दुश्मनी में बदल चुकी थी और पवन ने तय कर लिया कि वह अपने दोस्त को जीते जी माफ नहीं करेगा.

Advertisement

हत्या की साजिश: गणेश उत्सव बना बहाना

31 अगस्त की रात, कानपुर का माहौल गणेश उत्सव से गुलजार था. ढोल-ताशों और रंग-बिरंगी रोशनी के बीच, पवन ने अपनी बहन और दोस्तों के साथ मिलकर एक खौफनाक साजिश रची. उसने अपने साथी प्रिंस को कहा कि ऋषिकेश को बहाने से बुलाए.

प्रिंस ने फोन किया चलो साथ चलते हैं 

बचपन का दोस्त बुला रहा था, इसलिए ऋषिकेश बिना शक किए घर से निकल पड़ा. मगर यह उसके जीवन की आख़िरी रात थी. सीसीटीवी फुटेज में पुलिस ने बाद में पाया कि ऋषिकेश को प्रिंस, पवन और बाकी लड़के जबरन बाइक पर बिठाकर ले जा रहे थे. रास्ता उत्सव का नहीं, बल्कि जंगल की ओर जाता था. वहां पहुंचते ही दोस्ती के रिश्ते का असली चेहरा सामने आया. जंगल की सुनसान रात में ऋषिकेश को बांध दिया गया. उसके सामने आठ लोग खड़े थे पवन, उसका भाई बॉबी, और उनके साथी मोगली, निखिल, आकाश, रिशु समेत बाकी. सबके चेहरों पर नफरत और गुस्से की लकीरें थीं.

Advertisement

खून से सनी रात

पवन का गुस्सा इस कदर था कि उसने किसी और को मौका ही नहीं दिया. उसने खुद हाथ में तेज धार वाला हथियार लिया और ऋषिकेश का सिर बेरहमी से धड़ से अलग कर दिया. पूरी वारदात का वीडियो उसी के मोबाइल में रिकॉर्ड हुआ.
यह सिर्फ हत्या नहीं थी, यह दोस्ती से गद्दारी और बहन की इज्जत के नाम पर बदले की एक खूनी कहानी थी.

गंगा बनी सबूत छुपाने की जगह

हत्या के बाद शव को बोरे में भरा गया. हाथ-पैर बांधे गए और एक ई-रिक्शा से उसे गंगा पुल तक ले जाया गया. वहां से शरीर को बहती धारा में फेंक दिया गया. आरोपियों को लगा कि नदी सबूत निगल जाएगी, मगर गंगा की लहरों ने उनके गुनाह छुपाए नहीं.

परिवार की बेचैनी और पुलिस रिपोर्ट

दूसरी ओर ऋषिकेश का घरवालों से कोई संपर्क नहीं हो रहा था. परिजनों ने जब खोजबीन की और बेटे का कोई सुराग नहीं मिला, तो उन्होंने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. चकेरी पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. शुरुआत सीसीटीवी कैमरों से हुई और जल्दी ही संदिग्धों के नाम सामने आने लगे.

पुलिस का जाल और खुलासा

डीसीपी सत्यजीत गुप्ता की देखरेख में कई टीमें बनाई गईं. पूछताछ के लिए मोहल्ले के लड़कों को उठाया गया. निखिल, आकाश और रिशु जैसे साथी पुलिस की सख्त पूछताछ में टूट गए. पुलिस को पूरी साजिश का पता चल गया. गणेश उत्सव सिर्फ एक बहाना था. असल मकसद ऋषिकेश को फुसलाकर जंगल में ले जाना और उसकी जान लेना था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement