उत्तर प्रदेश के बांदा में सैलरी न मिलने से परेशान एक पीड़ित सफाई कर्मचारी डीएम के पास पहुंचा. पीड़ित का आरोप है कि ग्राम प्रधान और विभागीय अधिकारियों की वजह से उसे पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिला है. जिससे वह इतना परेशान है कि उसका गुजारा करना मुश्किल हो गया है. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है.
दरअसल, चिल्ला थाना क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित सफाई कर्मचारी मीतू ने बताया कि उसकी ड्यूटी इन दिनों लौमेर ग्राम पंचायत में है. कथित तौर पर पिछले 6 महीने से उसका सैलरी रुका हुआ है. एडीओ पंचायत की तरफ से सैलरी नहीं दिया जा रहा है. ग्राम प्रधान भी हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. जिससे उसका सैलरी रुका हुआ है. पीड़ित ने आरोप लगाया कि एडीओ पंचायत सैलरी बनाने के एवज में दस हजार रुपये की मांग कर रहे हैं.
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पीड़ित ने कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी. उसे सिर्फ सैलरी दिलाने का आश्वासन मिलता रहा. उसने आगे बताया कि सैलरी न मिलने से घर का राशन खत्म हो गया है, फीस न देने के कारण बच्चों का नाम स्कूल से काट दिया गया. मेरे 6 बच्चे हैं. सभी की पढ़ाई बाधित है. पीड़ित ने डीएम से सैलरी दिलाने की मांग की है. जिससे उसके बच्चे की पढ़ाई शुरू हो सके.
मामले में DPRO ने कही ये बात
डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सफाई कर्मचारी का सैलरी न मिलने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. जिसका सैलरी पिछले सितंबर माह से नहीं मिला है. मैंने अभी संबंधित एडीओ पंचायत और ग्राम प्रधान से बात की है. पता चला कि वह कभी-कभी ड्यूटी पर नहीं आता है और नशा आदि भी करता है. उसका सैलरी क्यों रोका गया है, इसकी जांच करा रहा हूं. जांच के बाद उसका सैलरी जारी किया जाएगा और कार्रवाई भी की जाएगी.
सिद्धार्थ गुप्ता