पीलीभीत जिले के भरतपुर गांव में खेती के लिए दी गई सरकारी पट्टे की जमीन पर मस्जिद बनाए जाने का मामला सामने आया है. यह खुलासा उस वक्त हुआ जब जिला प्रशासन और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने नेपाल बॉर्डर से लगे 10 किलोमीटर के दायरे में अवैध अतिक्रमणों की पहचान के लिए सर्वे अभियान चलाया. जांच के बाद मस्जिद के निर्माण को लेकर जमीन धारकों को नोटिस जारी किया गया, और कार्रवाई की चेतावनी दी गई. प्रशासनिक दबाव और नोटिस की समय सीमा समाप्त होने से पहले ही मस्जिद से जुड़े लोगों ने खुद ही निर्माण को ढहा दिया.
पूरनपुर और कलीनगर तहसीलों के नेपाल सीमा से लगे गांवों में बीते कुछ समय से अतिक्रमण और गैर-कानूनी निर्माण को लेकर जिला प्रशासन सतर्क हुआ है. जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह और एसपी अभिषेक यादव के निर्देशन में राजस्व व पुलिस टीम द्वारा 10 किलोमीटर के दायरे में विशेष सर्वे अभियान चलाया गया. इसी क्रम में भरतपुर गांव में एक मस्जिद की जानकारी मिली, जो कि दो भाइयों मकबूल पीर मोहम्मद और जुम्मन पीर मोहम्मद को वर्षों पहले मिली सरकारी पट्टे की जमीन पर बनी थी. सर्वे में यह सामने आया कि मकबूल की मृत्यु के बाद यह जमीन उनके बेटों हैदर अली और सफदर अली सहित चार अन्य नामों पर दर्ज हो गई थी. पट्टे की जमीन का मकसद केवल खेती-किसानी होता है, उस पर किसी भी प्रकार का स्थायी निर्माण अवैध माना जाता है. लेकिन इस जमीन पर मस्जिद बनी और वर्षों तक उसमें धार्मिक गतिविधियां भी होती रहीं.
प्रशासन ने दी थी चेतावनी, 14 दिन का समय
जैसे ही यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा, जिलाधिकारी और एसपी ने खुद मौके पर जाकर निरीक्षण किया. इसके बाद ग्राम प्रधान सहित कुल सात लोगों को नोटिस जारी कर 14 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने और निर्माण हटाने का अल्टीमेटम दिया गया. साथ ही मस्जिद में नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई थी. नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि 16 मई तक या तो अवैध निर्माण को स्वयं हटाया जाए या फिर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पट्टा निरस्त करने की कार्यवाही भी शामिल हो सकती है.
प्रभावित पक्ष ने खुद ढहा दिया निर्माण
प्रशासन की सख्ती और कार्रवाई की चेतावनी के बाद पट्टा धारकों ने मस्जिद को खुद ही ढहाना शुरू कर दिया. हबीब-उर-रहमान, तहसीलदार पूरनपुर ने जानकारी देते हुए कहा कि उपनिवेशन की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर हमने नोटिस जारी किया था. नियत समय से पहले ही संबंधित पक्ष ने खुद ही मस्जिद को गिरा दिया है. अब मौके पर कोई निर्माण शेष नहीं है. वहीं, एसडीएम पूरनपुर अजित प्रताप सिंह ने बताया कि नेपाल बॉर्डर के करीब धार्मिक स्थलों और अवैध निर्माणों का सर्वे अभियान चल रहा था, उसी दौरान यह मसला सामने आया. नियमों के अनुसार पट्टे की जमीन पर कोई निर्माण नहीं हो सकता. लोगों ने खुद निर्माण हटाया है, लेकिन नोटिस का जवाब आने के बाद अगली कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है उपनिवेशन की जमीन का नियम
राजस्व विभाग द्वारा संचालित उपनिवेशन योजना के अंतर्गत गरीब, भूमिहीन और जरूरतमंद लोगों को जीवनयापन और खेती-किसानी के लिए जमीन दी जाती है. इस जमीन की मालिकाना हक सरकार के पास रहता है, और इसे केवल कृषि उपयोग के लिए ही प्रयोग में लाया जा सकता है. कोई भी स्थायी निर्माण जैसे धार्मिक स्थल, मकान, दुकान या अन्य कोई निर्माण नियमों के विरुद्ध होता है. इसलिए भरतपुर गांव में बनी मस्जिद को भी प्रशासन ने अतिक्रमण की श्रेणी में माना और उसी के अनुसार कार्रवाई की गई.
सौरभ पांडे