उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के वाजिदपुर गांव में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं. जम्मू-कश्मीर की सिग्नल रेजीमेंट में तैनात सेना के जवान तरुण कुमार ने जमीन विवाद के चलते अपने गांव पहुंचकर ताऊ के मकान पर हथौड़ा चला दिया. हैरानी की बात यह रही कि सेना की वर्दी में आए जवान न सिर्फ मकान का गेट तोड़ ले गए, बल्कि दरवाजा उखाड़कर अपने साथ सेना के वाहन में लादकर ले गए. यह पूरा दृश्य जैसे किसी ‘सीक्रेट मिशन’ का हिस्सा लग रहा था.
दरअसल, यह विवाद पैतृक जमीन को लेकर था. तरुण कुमार को जानकारी मिली कि उनके ताऊ, पूर्व प्रधानाचार्य धीर सिंह उसके जमीन पर मकान बनवा रहे हैं. उन्होंने कोर्ट या पुलिस की मदद लेने की बजाय खुद 'ऑपरेशन मकान वापसी' शुरू कर दिया. इसके तहत सेना के वाहन में भरकर जवान गांव पहुंचे और मकान पर सीधा हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया. दीवारों को नुकसान पहुंचाया और दरवाजा उखाड़ लिया.
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घटना का वीडियो धीर सिंह के परिवार ने बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. वीडियो में देखा गया कि सेना के वाहन की नंबर प्लेट को कागज से ढका गया था, जिससे मिशन की पहचान छिपी रहे. धीर सिंह का दावा है कि यह जमीन उनके बेटे-बहू की मौत के बाद अनाथ पोती को दी गई थी.
विजय कुमार (सीओ सिटी) ने बताया कि पुलिस ने तरुण कुमार, उनके पिता ऋषिपाल समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. मामला सेना हेडक्वॉर्टर तक पहुंच चुका है और पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है.
मनुदेव उपाध्याय