'Thar नहीं तो बारात नहीं...' दूल्हे वालों ने तोड़ी सपनों की डोली, दुल्हन करती रही इंतजार, नहीं आई बारात

सहारनपुर के दौलतपुर गांव में शादी उस वक्त टूट गई जब दूल्हे पक्ष ने दहेज में थार कार की मांग पूरी न होने पर बारात लाने से इनकार कर दिया. दुल्हन मेंहदी लगाए इंतजार करती रही, मंडप सजा रहा, मेहमान बैठे रहे, पर बारात नहीं आई. लड़की पक्ष ने दूल्हे अमनदीप व उसके चाचा सोनू पर दहेज मांगने का आरोप लगाकर पुलिस में तहरीर दी. मामला दर्ज कर जांच शुरू है.

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दहेज में थार कार नहीं मिलने पर दूल्हे वाले बारात ही नहीं लाए (Photo: ITG) दहेज में थार कार नहीं मिलने पर दूल्हे वाले बारात ही नहीं लाए (Photo: ITG)

राहुल कुमार

  • सहारनपुर,
  • 03 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

यूपी के सहारनपुर में दौलतपुर गांव से एक ऐसी खबर आई है जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. जहां दूल्हे पक्ष की नई फरमाइश से खुशियों से भरा शादी का घर पलभर में मातम के माहौल में बदल गया. शादी से ठीक पहले ही दूल्हे वालों ने थार कार की मांग रख दी और जब यह मांग पूरी नहीं हुई तो उन्होंने साफ कह दिया 'थार नहीं तो बारात नहीं. '

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1 नवंबर की रात दौलतपुर में सब कुछ तैयार था. मंडप सजा हुआ था, घर में रंग-बिरंगी रोशनी झिलमिला रही थी, मेहमानों का आना-जाना लगा था. दुल्हन के हाथों में मेंहदी सज चुकी थी और सब उसकी विदाई के सपने देख रहे थे. लेकिन बारात आने की खबर का इंतज़ार करते-करते शाम ढल गई, रात आई, और जब तक सच्चाई सामने आई, तब तक खुशियां आंसुओं में बदल चुकी थीं.

दूल्हे पक्ष ने की नई डिमांड, कहा थार दो वरना शादी रद्द

जानकारी के मुताबिक, दौलतपुर निवासी अजय कुमार की बहन की शादी बेहट थाना क्षेत्र के हिरा खेड़ी गांव के रहने वाले अमनदीप के साथ तय हुई थी. मई 2025 में दोनों परिवारों के बीच सगाई हो चुकी थी और 1 नवंबर को शादी की तारीख निश्चित की गई थी. लड़की पक्ष ने अपनी पूरी हैसियत लगाकर तैयारियां कीं बैंकेट हॉल बुक कराया, कैटरिंग की व्यवस्था की, रिश्तेदारों को बुलाया और दहेज में बुलेट मोटरसाइकिल देने की तैयारी भी कर ली थी. लेकिन शादी से ठीक पहले सब कुछ बदल गया. आरोप है कि अमनदीप के चाचा और बिचौलिया सोनू ने लड़की के परिवार को फोन कर कहा कि अगर दहेज में थार कार नहीं दी गई तो बारात नहीं आएगी. पहले तो लड़की पक्ष को लगा कि यह मजाक है, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि यह कोई मजाक नहीं बल्कि एक दबाव था.

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रातभर मंडप खाली पड़ा रहा, बारात का इंतजार करती रही दुल्हन

परिवार ने समझाने की बहुत कोशिश की, यहां तक कि रिश्तेदारों ने भी फोन पर दूल्हे पक्ष को मनाने की कोशिश की, मगर जवाब वही रहा थार नहीं, तो रिश्ता नहीं. शाम तक मंडप में बैठे मेहमान एक-दूसरे से यही पूछते रहे कि बारात क्यों नहीं आई ? दुल्हन की आंखें दरवाजे पर टिकी रहीं, लेकिन वहां न बारात आई, न दूल्हा. घर में बजने वाले ढोल-नगाड़ों की गूंज अब सन्नाटे में बदल चुकी थी.

सपनों का घर उजड़ गया... फूट-फूटकर रोया परिवार

दुल्हन का भाई अजय कुमार ने बताया कि परिवार ने हर संभव कोशिश की थी कि शादी अच्छे से हो जाए. हमने अपनी हैसियत से ज्यादा किया, लेकिन उनकी डिमांड का कोई अंत नहीं था. हमने बुलेट तक का इंतजाम किया था, फिर भी उन्हें थार चाहिए थी. क्या एक पिता को अपनी बेटी की खुशी के लिए आसमान से तारे भी तोड़ लाने होंगे? अजय की आवाज में गुस्सा और बेबसी दोनों झलक रही थी. गांव के लोगों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. ग्रामीणों का कहना है कि यह दहेज की कुप्रथा का सबसे शर्मनाक चेहरा है. आज के समय में जब बेटियां हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रही हैं, तब भी कुछ लोग उन्हें बोझ समझकर उनकी खुशियों का सौदा करते हैं. 

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पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू

घटना की सूचना मिलते ही दुल्हन के परिवार ने चिलकाना थाने पहुंचकर दूल्हे अमनदीप, उसके चाचा सोनू और अन्य परिजनों के खिलाफ तहरीर दी. थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच जारी है. “हमने दोनों पक्षों से बात की है. अगर आरोप सही पाए गए तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.  पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह मामला दहेज निषेध अधिनियम और महिलाओं के सम्मान से जुड़ी धाराओं में दर्ज किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में समाज को भी आगे आना चाहिए ताकि दहेज जैसी बुराई पर अंकुश लगाया जा सके.

अब गांव में चर्चा का विषय बनी शादी

दौलतपुर गांव में अब यही चर्चा है कि कैसे एक लालच ने दो परिवारों को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया. जहां एक तरफ लड़की पक्ष के लोग सदमे में हैं, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों में आक्रोश है. कई लोगों का कहना है कि इस घटना से समाज को सीख लेनी चाहिए. 

सपनों की जगह रह गया सन्नाटा

शादी के लिए सजाया गया घर अब सन्नाटे से भरा है. दरवाज़े पर लगे झालर और फूलों की माला मुरझा चुकी हैं. मेहमान लौट गए, लेकिन दुल्हन का चेहरा अब भी इंतज़ार में जड़ हो गया है. वो मेंहदी, जो कभी उसके सपनों का प्रतीक थी, अब उसकी अधूरी कहानी का गवाह बन चुकी है. परिवार अब यही चाहता है कि पुलिस न्याय दिलाए और समाज में ऐसा संदेश जाए कि कोई भी परिवार भविष्य में इस तरह की ज्यादती का शिकार न बने.

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