यूपी में एक ही आईडी से 800 से अधिक जन्म प्रमाण पत्र हुए जारी, दिए गए जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के हाथरस में अधिकारियों ने जांच में पाया है कि एक गांव की एक ही यूजर आईडी का इस्तेमाल कर दो साल से भी कम समय में कई राज्यों के 814 व्यक्तियों के जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किया गया. जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है. हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को जांच का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया है.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.

राजेश सिंघल

  • हाथरस,
  • 14 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

उत्तर प्रदेश के हाथरस से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अधिकारियों ने जांच में पाया है कि एक गांव की एक ही यूजर आईडी का इस्तेमाल कर दो साल से भी कम समय में कई राज्यों के 814 व्यक्तियों के जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किया गया. मामला सामने के बाद बाद जांच शुरू कर दी गई है.

Advertisement

अधिकारियों ने कहा कि सिंचावली सानी गांव की आबादी करीब 1 हजार 100 है. हालांकि, पिछले 19 महीनों में नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के लिए गांव की यूजर आईडी का उपयोग करके कुल 814 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए. ये प्रमाण पत्र न केवल उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए बल्कि झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के व्यक्तियों के लिए भी जारी किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- Ground Report: ना घर, ना परिवार... हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार! रायबरेली में जीशान-विजय यादव के कांड ने ATS को भी चौंकाया

अधिकारी ने कहा, अब तक जांच में यह पाया गया है कि उत्तर प्रदेश में 780, झारखंड में 13, बिहार में 12, मध्य प्रदेश और हरियाणा में चार-चार और कर्नाटक में एक प्रमाण पत्र जारी किए गए है. जांच आगे बढ़ने पर ऐसे मामलों की संख्या बढ़ सकती है. 

Advertisement

वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना देने वाले ईश्वर चंद ने कहा, उन्हें 5 अगस्त को सीआरएस पोर्टल तक पहुंच मिली. तब तक आईडी के जरिए 814 जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके थे. इन सभी प्रमाण पत्रों में जन्म स्थान के रूप में सिंचावाली सानी दर्ज था. 

मामले में जिला मजिस्ट्रेट ने कही ये बात

जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है. हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मंजीत सिंह को जांच का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आईडी कैसे लीक हुई. आईडी हाल ही में सिंचावाली सानी के पंचायत सचिव को सौंपी गई थी. जांच लीक के स्रोत और दुरुपयोग का जल्द पता लगा लिया जाएगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement