केदार धाम से महाकुंभ आए मौनी बाबा, 6 वर्षों से हैं मौन, डायरी में लिखकर देते हैं जवाब

मौनी बाबा का असली नाम श्री निरंजनी हरिओम भारती है. वह महाकुंभ में पंचायती अखाड़े के केदार धाम से आए हैं. उनके आश्रम में तीनों वक्त का भंडार चलता है. जिस वक्त 'आजतक' की टीम उनके आश्रम/शिविर पहुंची वहां गरमा गरम गाजर का हलवा बन रहा था. वहीं, मौनी बाबा डमरू वादन कर रहे थे. 

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महाकुंभ आए मौनी बाबा महाकुंभ आए मौनी बाबा

समर्थ श्रीवास्तव

  • प्रयागराज ,
  • 04 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

महाकुंभ में आस्था के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं. देश के कोने-कोने से आए साधु-संतों की रोचक और आध्यात्मिक जीवनशैली भी लोगों को काफी प्रभावित कर रही है. ऐसे ही एक संत हैं मौनी बाबा, जो 6 वर्षों से मौन हैं. बातचीत के लिए वो सामने वाले को डायरी में लिखकर जवाब देते हैं. 

मौनी बाबा का असली नाम श्री निरंजनी हरिओम भारती है. वह महाकुंभ में पंचायती अखाड़े के केदार धाम से आए हैं. उनके आश्रम में तीनों वक्त का भंडार चलता है. जिस वक्त 'आजतक' की टीम उनके आश्रम/शिविर पहुंची वहां गरमा गरम गाजर का हलवा बन रहा था. वहीं, मौनी बाबा डमरू वादन कर रहे थे. 

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6 साल से मौन व्रत पर रहने वाले मौनी बाबा ने डायरी पर लिखकर बताया कि सिर्फ केदार बाबा ही जानते हैं कि उनका यह व्रत कब तक चलेगा. फिलहाल तो मौन व्रत अनिश्चितकाल के लिए है. उन्होंने लिखकर बताया की वे शुरुआत से महाकुंभ में है और अब रायपुर की ओर बढ़ेंगे. वहीं, पर उनकी महाशिवरात्रि मनेगी. 

मौनी बाबा ने डायरी में लिखकर आगे बताया कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कर चुके हैं और अपने पत्र के माध्यम से मौन व्रत के बारे में उन्हें सूचित कर चुके हैं. उन्होंने अपने हाथों से पत्र को मुख्यमंत्री को गोरखपुर में दिया था. उन्होंने कहा कि वह हठयोगी नहीं है बल्कि यह भगवान की कृपा है. 

आपको बता दें कि कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी. इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा. अभी 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा (पर्व स्नान) और 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि (पर्व स्नान) का 'अमृत स्नान' बचा हुआ है. 

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