उत्तर प्रदेश मऊ के जिलाधिकारी प्रवीण मिश्रा ने समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय द्वारा लगाए गए बड़े पैमाने पर मतदाता नाम हटाने के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. राय ने चुनाव आयोग को शिकायत भेजकर दावा किया था कि घटक घोषी लोकसभा क्षेत्र में SIR के दौरान हजारों मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. जिलाधिकारी ने कहा, '20 हजार वोटरों के नाम नहीं हटाए गए.'
डीएम बोले- आरोप बेबुनियाद, कोई तथ्य नहीं
रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखते हुए डीएम मिश्रा ने कहा कि सांसद के आरोप बेबुनियाद हैं और किसी भी तथ्य से मेल नहीं खाते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि SIR की प्रक्रिया बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से चल रही है.
बीएलओ का काम लगभग पूरा, डिजिटल प्रक्रिया जारी
डीएम के अनुसार कई बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) अपना काम पूरा कर चुके हैं. मतदाता सर्वेक्षण फॉर्मों का संग्रह और डिजिटाइजेशन चल रहा है. सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समयसीमा के तहत पूरी हो रही हैं.
ड्राफ्ट सूची के बाद दावे- आपत्तियां ली जाएंगी
उन्होंने बताया कि मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी, जिन्हें नियमानुसार निस्तारित किया जाएगा. उन्होंने दोहराया कि वर्तमान SIR प्रक्रिया के तहत किसी का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया गया है.
2025 की संभावित उपचुनाव तैयारी को बताया अलग प्रक्रिया
मिश्रा ने कहा कि 356-मऊ विधानसभा सीट पर सितंबर 2025 में संभावित उपचुनाव को देखते हुए पहले ही पात्र मतदाताओं को जोड़ा गया था और अपात्र नाम हटाए गए थे. यह कार्य SIR से पूरी तरह अलग था और इसकी जानकारी राजनीतिक दलों को अक्टूबर में दे दी गई थी.
सांसद का दावा, 20 हजार नाम हटे, 664 पन्नों का रिकॉर्ड
सांसद राजीव राय ने शिकायत में आरोप लगाया कि अक्टूबर महीने में 20,000 नाम हटाए गए. उन्होंने कहा कि हटाए गए नामों का 664 पन्नों में विवरण डीएम को सौंपा गया है. उन्होंने सवाल उठाया कि ये आवेदन किसने और कब दिए? उन्होंने कहा कि यह मुद्दा संसद में भी उठाया जाएगा.
aajtak.in