UP ATS के हत्थे चढ़ा 30 साल से फरार खालिस्तानी आतंकी मंगत सिंह मंगा, 1993 से टाडा केस में था वांटेड

उत्तर प्रदेश एटीएस ने खालिस्तान कमांडो फोर्स से जुड़े 30 साल से फरार आतंकवादी मंगत सिंह उर्फ मंगा को गिरफ्तार कर लिया है. टाडा एक्ट के तहत दर्ज गाजियाबाद के पुराने मामले में वांटेड इस इनामी आतंकी को यूपी एटीएस की नोएडा यूनिट ने पंजाब के अमृतसर से दबोचा. मंगत सिंह 1993 से लेकर अब तक पहचान छिपाकर बचता रहा है.

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मंगत सिंह उर्फ मंगा. (File) मंगत सिंह उर्फ मंगा. (File)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 24 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:05 AM IST

उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए खालिस्तान कमांडो फोर्स (Khalistan Commando Force) के कुख्यात आतंकवादी मंगत सिंह उर्फ मंगा को गिरफ्तार कर लिया है. यह आतंकी बीते 30 वर्षों से फरार था और उस पर गाजियाबाद पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

यूपी एटीएस की नोएडा यूनिट ने खुफिया सूचना के आधार पर उसे पंजाब के अमृतसर से गिरफ्तार किया. मंगत सिंह मंगा पर साल 1993 में गाजियाबाद के साहिबाबाद थाने में टाडा (TADA) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. वर्ष 1995 में उसे जमानत तो मिली, लेकिन उसके बाद वह फरार हो गया और तब से लगातार कानून की आंखों में धूल झोंकता रहा.

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गिरफ्तार मंगत सिंह का सीधा संबंध खालिस्तान कमांडो फोर्स जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठन से रहा है. उसका भाई संगत सिंह भी इसी संगठन से जुड़ा हुआ था, जिसे साल 1990 में पंजाब पुलिस ने एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. मंगत सिंह ने अपनी पहचान और लोकेशन को छिपाकर पिछले कई सालों से अमृतसर में शरण ली हुई थी.

यूपी एटीएस की कार्रवाई तब शुरू हुई, जब उसे इनपुट मिला कि मंगत सिंह पंजाब में गुपचुप तरीके से रह रहा है. इसके बाद टीम ने एक सटीक रणनीति के तहत अमृतसर में दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर गाजियाबाद लाया गया. फिलहाल उससे पूछताछ जारी है.

एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि पिछले 30 सालों में उसने किन लोगों से संपर्क रखा, और क्या वह किसी सक्रिय आतंकी गतिविधि में शामिल रहा. साल 1993 में टाडा एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था. इसके बाद साल 1995 से फरार हो गया था. उस पर 25 हजार का इनाम रखा गया था. मंगत सिंह का भाई संगत सिंह 1990 में एनकाउंटर में मारा गया था.

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