युवक की नाक में बैठकर 14 दिनों तक खून चूसता रहा जोंक, होने लगी ब्लीडिंग तो डॉक्टरों ने ऐसे बचाई जान

यूपी के प्रयागराज में एक युवक की नाक में 14 दिनों तक जोंक अपना घर बनाए रहा और खून चूसता रहा. जब युवक को दिक्कत महसूस होने लगी तो डॉक्टर से जांच करवाने के बाद पता चला कि वाटरफॉल में नहाने के दौरान जोंक उसकी नाक में घुस गया था. उस वक्त युवक को इसका एहसास नहीं हुआ लेकिन बाद में दिक्कत होने पर पता चला जिसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके उसे बाहर निकाला.

Advertisement
डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर कीड़े को नाक से निकाला डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर कीड़े को नाक से निकाला

आनंद राज

  • प्रयागराज,
  • 25 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

यूपी के प्रयागराज में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. वाटरफॉल में नहाते समय एक युवक की नाक में जिंदा जोंक घुस गया जिसे निकालने के लिए डॉक्टरों को युवक का ऑपरेशन करना पड़ा. वो जोंक 14 दिनों तक उसकी नाक में रहा और खून चूसता रहा. 

दरअसल प्रयागराज का रहने वाला युवक सीशील मवार अपने कुछ दोस्तों के साथ उत्तराखंड में वॉटर फॉल में नहाने गया था. नहाने के दौरान उसकी नाक में जोंक घुस गया. उस वक्त युवक को वॉटरफॉल में मस्ती करते समय कुछ पता नहीं चला लेकिन जब वह घर आया तो उसे नाक में कुछ होने का एहसास होने लगा जो उसे परेशान कर रहा था. उसकी नाक से खून भी बहने लगा था.

Advertisement

इस समस्या को लेकर जब वो डॉक्टर के पास पहुंचा और डॉक्टर ने उसकी जांच की तो सभी हैरान रह गए. युवक के नाक के अंदर एक जोंक मौजूद था जो उसकी नाक के अंदर बिल्कुल चिपका हुआ था. जोंक उसके नाक में काफी गहराई में, टर्बिनेट के पीछे छिपा हुआ था और धीरे-धीरे वहां से खून चूस रहा था.

नाक में जिंदा जोंक की मौजूदगी को लेकर अस्पताल के ईएनटी विभाग के सर्जन डॉक्टर सुभाष चंद्र वर्मा ने इलाज शुरू किया. दूरबीन विधि द्वारा बिना आस-पास की सामान्य संरचना को नुकसान पहुंचाए जोंक को सफलतापूर्वक नाक से बाहर निकाल दिया गया.

जोंक युवक को पहुंचा सकता था नुकसान  

यह एक ऐसा जोंक था जो गीले और नमी वाली जगहों पर मिलता है और वह जिस जगह चिपक जाता है उसे जगह को बहुत नुकसान पहुंचता है. यह इंसानी खून चूसने वाला जोंक अगर युवक की नाक के जरिए उसके दिमाग में  प्रवेश कर गया होता तो उसे गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ता.

Advertisement

वहीं युवक की नाक से इस कीड़े को निकालने वाले नाक, कान और गला सर्जन डॉक्टर सुभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि मरीज उत्तराखंड के एक वॉटरफॉल में रुके हुए पानी में 2 हफ्ते पहले नहाया था. तालाब या पोखर में नहाने वाले लोगों के शरीर के बाहरी हिस्सों में जोंक चिपकने की घटना तो होती रहती है लेकिन नाक के अंदर जोंक का मिलना एक दुर्लभ घटना है. शुक्र है कि जोक नाक के रास्ते दिमाग या आंख में नहीं गया वरना काफी मुश्किल हो सकती थी.

 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement