लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में सामने आए कथित धर्मांतरण मामले ने तूल पकड़ लिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने पीड़िता की सुरक्षा को लेकर उसके लिए 24 घंटे महिला सुरक्षा गार्ड तैनात करने और उसे हॉस्टल में ही रखने की सिफारिश की है. इस संबंध में केजीएमयू प्रशासन की ओर से एक आधिकारिक पत्र भी जारी किया गया है.
केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि पैथोलॉजी विभाग में इस तरह की शिकायतें पहले भी सामने आती रही हैं, जिनको लेकर व्यापक जांच शुरू कर दी गई है. विभाग के कुछ अन्य कर्मचारियों और डॉक्टरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है, जिनके इस मामले में शामिल होने का संदेह जताया जा रहा है.
KGMU में रेजिडेंट छात्रा के साथ हुई घटना ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आरोप हैं कि KGMU के भीतर कथित तौर पर धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. सवाल उठ रहे हैं कि क्या लैब और विभागों में धार्मिक प्रभाव डालने की कोशिश हो रही है और क्या छात्रों पर किसी तरह का दबाव बनाया जा रहा है.
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इधर, इस पूरे मामले को लेकर केजीएमयू डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद से मुलाकात की. इस बैठक में कई गंभीर आरोप लगाए गए. 24 दिसंबर को हुई इस बैठक में एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने गंभीर आरोप लगाए और तत्काल कार्रवाई की मांग की. पीड़ित छात्रा ने अपने ही विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद मामला खुलकर सामने आया.
डॉक्टर एसोसिएशन का दावा है कि KGMU में कुछ लोग छात्रों और कर्मचारियों को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं. पैथोलॉजी विभाग के एचओडी को इस धर्मांतरण नेटवर्क का मुख्य सरगना बताया. एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया कि पैथोलॉजी लैब में गुपचुप तरीके से धार्मिक तकरीरें करवाई जा रही थीं. रमीज मलिक पर आरोप लगाने वाली छात्रा पर दबाव बनाए जाने की बात भी सामने आई है.
इन गंभीर आरोपों के बीच KGMU प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाएगी. जिन लोगों पर दबाव बनाने या जांच प्रभावित करने का संदेह है, उन्हें जांच प्रक्रिया से अलग रखने की बात भी कही गई है.
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वहीं, आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक अब तक सामने नहीं आया है. यूपी पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी है और तीन विशेष टीमें उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भेजी गई हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता के गंभीर आरोपों के आधार पर उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है.
रमीज मलिक आखिरी बार 23 दिसंबर को लखनऊ में विशाखा जांच समिति के सामने पेश हुआ था, इसके बाद से वह फरार बताया जा रहा है. दूसरी ओर, पीड़िता का बयान मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत दर्ज कराने की तैयारी चल रही है. इस पर कुलपति सोनिया नित्यानंद ने कहा कि वह पूरे मामले से अवगत हैं, सभी आरोपों की जांच कराई जाएगी और किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाएगी.
आशीष श्रीवास्तव