उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुए माता-पिता के कत्ल ने पूरे जिले को दहला दिया है. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए हत्यारोपी बेटे अम्बेश कुमार उर्फ रिंकू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. उसकी निशानदेही पर खून से सनी आरी, लोहे की रॉड, कार, मोबाइल फोन और अन्य महत्वपूर्ण सबूत बरामद कर लिए गए हैं. इस हत्याकांड के खुलासे में अम्बेश की बहनों का अहम रोल रहा.पूछताछ में 'कातिल' बेटे ने इस खूनी वारदात की पूरी कहानी बयां की है...
आपको बता दें कि जफराबाद पुलिस ने 16 दिसंबर को 36 वर्षीय अभियुक्त अम्बेश कुमार उर्फ रिंकू को माता-पिता की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. अभियुक्त ने 8 दिसंबर की शाम अहमदपुर स्थित घर में पैसों और पारिवारिक विवाद के कारण अपनी मां बबिता देवी और पिता श्यामबहादुर की लोहे की रॉड से मारकर हत्या कर दी थी. उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए शवों को आरी से कई हिस्सों में काटकर बोरों में भरा और अपनी कार से गोमती और सई नदी में फेंक दिया था. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त हथियार और कार बरामद कर ली है.
पूछताछ में अम्बेश ने बताया कि 8 दिसंबर की शाम मां से पैसों को लेकर कहासुनी हुई थी. मां ने जब उसे घर से निकलने को कहा, तो उसने दावा किया कि घर उसे नानी ने 'नेवासा' में दिया है. विवाद बढ़ने पर मां ने धक्का दिया, तो अम्बेश ने पास रखी लोहे के खल-बट्टे की रॉड से उनके सिर पर वार कर दिया. शोर सुनकर आए पिता जब पुलिस को फोन करने लगे, तो आरोपी ने उनके सिर पर भी रॉड से हमला किया और रस्सी से गला घोंटकर उनकी जान ले ली.
शव के टुकड़े कर नदी में बहाया
हत्या के बाद आरोपी ने बेसमेंट से आरी लाकर दोनों शवों को तीन-तीन हिस्सों में काट दिया. उसने कुल सात बोरों में शव के टुकड़े और अवशेष भरकर अपनी स्विफ्ट डिजायर कार की डिक्की में लादे. 9 दिसंबर की सुबह उसने बेलाव पुल से शवों को गोमती नदी में फेंक दिया. घर लौटने पर उसे मां का एक कटा हुआ पैर मिला, जिसे उसने झोले में भरकर जलालपुर स्थित सई नदी में फेंक दिया. साक्ष्य मिटाने के लिए उसने फर्श और गाड़ी को सर्फ से साफ किया था.
बहनों के दबाव में खुला राज
वारदात के बाद आरोपी ने बहनों से झूठ बोला कि माता-पिता कहीं चले गए हैं. जब बहनों ने पुलिस में शिकायत का दबाव बनाया, तो वह मोबाइल बंद कर वाराणसी और जौनपुर में छिपता रहा. 15 दिसंबर को घर लौटने पर बहनों ने फिर पूछताछ की, तब उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
सबसे पहले बहन वंदना ने 13 दिसंबर को जफराबाद थाने में माता-पिता और भाई अंबेश की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. पुलिस ने 15 दिसंबर को अंबेश को बरामद किया, लेकिन उसके बार-बार बयान बदलने पर शक गहरा गया. एसएसपी के मुताबिक, कड़ाई से पूछताछ में अंबेश ने हत्या का राज उगल दिया. कोलकाता में रहने वाला अंबेश तीन महीने पहले घर आया था और घरेलू विवाद में इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया.
तीन बहनों का इकलौता भाई
मालूम हो कि मृतक श्याम बहादुर (65) अपनी पत्नी के बबिता (63) के साथ अहमदपुर गांव में रहते थे. श्याम बहादुर की 3 बेटी और एक बेटा था. बेटा अम्बेश अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कोलकाता में रहता था. पिछले 3 महीने से वो अकेला घर चला आया था. घर में मां-पिता और बेटा ही थे.
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