जातीय जनगणना के बाद यूपी में किस ओर जाएगी विपक्ष की सियासत

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले पर अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि समाजिक न्याय की स्थापना के लिए एक कदम तो बढ़ाया. जातिगत जनगणना का फैसला PDA की जीत है.

Advertisement
अखिलेश यादव. (फाइल फोटो) अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 01 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की कमेटी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले को मास्टर स्ट्रॉक बताया जा रहा है. अब सरकार के इस फैसले असर यूपी में क्या होगा, इसको लेकर भी चर्चा जारी है. क्योंकि  सपा प्रमुख अखिलेश यादव अक्सर इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर रहते थे.

Advertisement

वहीं, सरकार के जातिगत जनगणना फैसले के बाद बीजेपी खुद को डॉ. अंबेडकर का सबसे करीब दिखाने का चौसर फेंक चुकी है तो दूसरी ओर विपक्ष में भी क्रेडिट लेने की होड़ लगी है.

राहुल गांधी ने सरकार के फैसले का किया स्वागत

सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने फैसले का स्वागत किया है और कहा है, 11 साल से विरोध करने के बाद सरकार ने अचानक ये घोषणा की है. लेकिन उसे इसका समय भी बताना चाहिए.

'ये PDA की है जीत'

अखिलेश ने जातीय जनगणना के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि समाजिक न्याय की स्थापना के लिए एक कदम तो बढ़ाया. जातिगत जनगणना का फैसला PDA की जीत है. हमारे प्रेशर बनाने के बाद सरकार मजबूरन बाध्य हुई है.

Advertisement

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि इनकी (बीजेपी) चुनावी धांधली सबने देखी है. बीजेपी को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जातीय जनगणना से दूर रखें. एक ईमानदार जनगणना ही हक दिलवाएगी, जिस पर अभी तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे हैं.

अखिलेश ने कहा, "मैं मानता हूं यह इंडिया की जीत हुई है. एक लंबी लड़ाई के बाद आज सरकार तैयार हो गई है. यह मुद्दा हमेशा जिम्मेदारी से समाजवादियों ने उठाया. अब सच्ची डेटा और जानकारी मिल जाएगी जो मकसद था. जस्टिस और क्वालिटी का उसमें हम और बढ़ना चाहेंगे." 

सपा प्रमुख के बयान से साफ है कि केंद्र ने भेल ही जातीय जनगणना को हरी झंडी दे दी हो, लेकिन ये किस तरह और कितनी निष्पक्षता से होगी. इस मुद्दे को लेकर सपा सरकार को घेरने की योजना बनाएगी. फिलहाल अखिलेश करणी सेना और रामजी लाल सुमन के मुद्दे को भुनाने की ज्यादा कोशिश कर सकते हैं, जिससे 2027 में एक बार फिर मंडल बनाम कमंडल की पिच तैयार की जा सके.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement