हाथरस में दो जुलाई को एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद से ही बाबा साकार हरि अभी तक फरार चल रहा है. इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए. इस घटना के बाद सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि पहली बार शनिवार को मीडिया के सामने आया और एक संदेश जारी करते हुए कहा कि वह हाथरस में मची भगदड़ की घटना से दुखी है.
बाबा ने कहा, 'प्रभु हमें दुख की घड़ी से उबरने की शक्ति दें. सभी शासन प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें. हमें विश्वास है जो भी उपद्रवकारी हैं वो बख्शे नहीं जाएंगे.'
इस बीच, बाबा के अचानक घटनास्थल से गायब हो जाने से सत्संग में जाने वाले उनके अनुयायी भी आहत हैं. यूपी के अलीगढ़ में रहने वाले पीड़ितों के परिजनों ने कहा कि बाबा को घटना के दिन ही सामने आ जाना चाहिए था.
नहीं जाएंगे उसके सत्संग में
पीड़ित परिवार के एक सदस्य ह्रदेश कुमार ने कहा, "बाबा को सामने आना चाहिए था, वह चार दिन से छिपा हुआ है. अगर वह पूरी सृष्टि का मालिक है, तो उसे सामने आना चाहिए था. प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी जी, सब सामने आ रहे हैं, फिर उसे क्या परेशानी है? वह मैनपुरी स्थित अपने आवास पर आराम कर रहा है. उसे उसी दिन लोगों का हालचाल पूछना चाहिए था, जिस दिन इतने लोगों की जान चली गई. हम बाबा के सत्संग में कभी नहीं जाएंगे.",
ह्रदेश कुमार ने कहा, "वह डर के मारे क्यों छिपता फिर रहा है? हमें अब उस पर भरोसा नहीं रहा, उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए." एक अन्य पीड़ित के परिजन चंद्रपाल सिंह ने कहा कि पुलिस के दबाव के कारण बाबा सामने आया है. उन्होंने कहा, "सारे सत्संग बंद होने चाहिए. यह पाखंड है, जनता को धोखा देना है. यह एक नाटक है. बाकी सभी पापी लोगों को जेल जाना चाहिए."
बाबा को दुश्मन मानते हैं पीड़ित
सिंह ने कहा, 'लोगों ने अपनी मां, अपनी बेटियां, अपनी बहुएं खो दी हैं. बहुत सी जानें चली गई हैं. हर घर में मातम है. हम बाबा को दोषी मानते हैं, बाबा दोषी हैं. उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.' पीड़ितों के एक अन्य परिवार के सदस्य विपिन कुमार ने कहा कि प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई किए जाने के बाद ही बाबा चार दिनों में सामने आया है.
विपिन कुमार ने अपील करते हुए कहा, 'इस बात की जांच चल रही है कि उसके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई. भगदड़ के लिए बाबा दोषी है. अगर वह दोषी नहीं होता तो इस तरह से अंडरग्राउंड नहीं होता. हम चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.'
एक अन्य पीड़ित के रिश्तेदार शेखर ने कहा, "मैं बाबा को दुश्मन मानता हूं, अगर वह दुर्घटना वाले दिन घटनास्थल पर नहीं जा सकता था तो कम से कम उस दिन मीडिया के सामने आ जाता. बाबा का अब सामने आना खुद को बचाने के लिए किया गया दिखावा मात्र है. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे इस दिखावे को उजागर करें, यह सब अंधविश्वास है."
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मुख्य आरोपी गिरफ्तार
हाथरस में बीते मंगलवार को हुए भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी. पुलिस प्रवचनकर्ता बाबा सूरजपाल के सेवादारों और सत्संग के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच-पड़ताल कर रही है. 6 लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं, अभी तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर जो फरार था, उसे शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया गया है.
बता दें कि, देव प्रकाश मधुकर ही हाथरस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था. इसके साथ ही वह बाबा का खास आदमी भी है. हादसे के बाद बाबा ने उसी से फोन पर काफी देर तक बात की थी. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भगदड़ की घटना के बाद से देवप्रकाश मधुकर घर नहीं लौटा था. उसके परिवार के सदस्य भी लापता हैं. मधुकर के बारे में कहा जाता है कि वह एक समय जूनियर इंजीनियर (JE) था लेकिन बाद में बाबा सूरजपाल का बड़ा भक्त बन गया.
देवप्रकाश मधुकर का घर सिकंदरा राऊ इलाके के दामादपुरा की नई कॉलोनी में है.हाथरस भगदड़ कांड की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया था. जिसने इस मामले में अब तक 90 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. यह जानकारी खुद एसआईटी में शामिल आगरा जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार की दी.
शिवम सारस्वत