जुलाई महीने में बारिश के बाद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक लड़की से कई लड़के छेड़खानी कर रहे थे. मामले में पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिनमें पवन यादव भी शामिल है. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है. जमानत मिलने के बाद उसने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं निर्दोष हूं और मैं चौराहे पर चाय पीने गया था. सीसीटीवी में भी मैं नहीं हूं. मुझे शायद इसलिए फंसाया गया क्योंकि मैं यादव हूं.
पवन ने यह भी कहा था कि घटना के बारे में उसे पता नहीं था. जब एसटीएफ की टीम घर पहुंची तब उसे पता चला. पवन ने कहा कि पुलिस की टीम ने गिरफ्तारी के बाद मुझसे जबरन हाथ जोड़कर फोटो खिंचवाया था. पुलिस के इस रवैए से मेरी समाज में छवि भी खराब हुई है. वहीं, अब पवन यादव को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
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सपा सरकार में भी दर्ज हुआ था मामला
गोमती नगर कांड से पहले उस पर अखिलेश यादव की सरकार में भी मुकदमे दर्ज हुए हैं. जिसकी जानकारी पुलिस को जांच में पता चली है. यहीं, नहीं पवन यादव के ख़िलाफ़ डी डब्लू वारंट भी जारी हुआ था.पुलिस ने पवन यादव के ख़िलाफ़ जांच में पाया कि 2016 में समाजवादी पार्टी के सरकार के समय गोमती नगर पुलिस ने पवन को अवैध असलहा के साथ पकड़ा था और पवन के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था.
जिसमें वह जेल भी गया था. यहीं नहीं, इसके अलावा पवन पर गोमती नगर और विभूति खंड में भी पांच मुकदमे पहले से दर्ज हैं. उस पर गोमती नगर में मारपीट और बलवा का मुकदमा जनवरी 2017 में दर्ज हुआ था.
जबकि 2019 में मारपीट और पथराव का मुकदमा भी उस पर दर्ज हुआ था. इसके अलावा उस पर 2022 में सबमिट बिल्डिंग में मारपीट व पथराव का मामला दर्ज हुआ था. पवन यादव के ख़िलाफ़ कुल 606/22, 722/17, 850/16, 176/19 , 738/22, 353/24 आईएपीसी के तहत मुक़दमे दर्ज हैं.
कोर्ट में पेश नहीं होने पर जारी हुआ था डी डब्लू वारंट भी
मामले में पुलिस डीसीपी ईस्ट जोन शशांक सिंह का कहना है कि पवन घटना स्थल पर था और सीसीटीवी फुटेज में भी है. उसकी गिरफ्तारी साक्ष्य के आधार पर की गई थी. मामले में पवन के खिलाफ चार्ज सीट लगा दी गई है.गोमती नगर में 2017 में दर्ज मारपीट और पथराव के मामले में पवन कोर्ट में तारीख पर नहीं जा रहा था, ऐसे में उसके खिलाफ विशेष न्यायाधीश स्टेट ने डी डब्लू वारंट भी जारी किया था.
आशीष श्रीवास्तव