मेरठ में इन दिनों एक अजीब और खौफनाक वारदात से लोग दहशत में हैं. शहर से कुछ ही दूरी पर स्थित भराला गांव में ऐसी घटनाएं घट रही हैं, जिन पर यकीन करना मुश्किल है. गांव की गलियों से लेकर चौपाल तक हर जुबान पर सिर्फ एक ही नाम है न्यूड गैंग का. यह नाम सुनते ही महिलाओं की आंखों में डर और पुरुषों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आती हैं.
खेतों से निकलने वाले रहस्यमयी हमलावर
गांववालों का कहना है कि खेतों की सरसराहट अब उन्हें खौफनाक लगने लगी है. वजह है बीते दस दिनों में घटी दो सनसनीखेज घटनाएं. पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में दो अलग-अलग मौकों पर गांव की महिलाएं खेतों के पास से गुजर रही थीं, तभी अचानक कुछ युवक पूरी तरह नग्न अवस्था में बाहर निकले और उन्हें घसीटने लगे. 30 अगस्त की घटना में तो हालात और भी भयावह हो सकते थे, अगर किस्मत साथ न देती. एक महिला खेत के किनारे से गुजर रही थी, तभी दो युवक अचानक सामने आ खड़े हुए और उसे पकड़कर भीतर खींचने लगे. चीख-पुकार सुनकर एक स्कूल बस चालक और एक गार्ड मौके पर पहुंचे. उन्होंने शोर मचाया और महिला को छुड़ा लिया. हालांकि इस कोशिश में महिला घायल हो गई, लेकिन जान बच गई.
दहशत का आलम
न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक इन घटनाओं ने भराला गांव और उसके आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. अब महिलाएं अकेले खेतों से गुजरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहीं. अभिभावक अपनी बेटियों को स्कूल भेजते समय खुद साथ चलने लगे हैं. गांव की चौपालों पर चर्चा सिर्फ इसी विषय पर हो रही है. लोग पूछ रहे हैं कि आखिर ये रहस्यमयी हमलावर कौन हैं? और क्यों इस तरह का खौफनाक खेल रच रहे हैं?
पुलिस की जांच और न्यूड गैंग की तलाश
घटनाओं की रिपोर्ट मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई. दौराला थाने की टीम ने ड्रोन कैमरे से खेतों की निगरानी शुरू की. सात सीसीटीवी कैमरे गांव और उसके आसपास लगाए गए. महिला पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया ताकि अपराधियों को रंगे हाथ पकड़ा जा सके. थाना प्रभारी सुमन कुमार सिंह के अनुसार, हमने कई दिनों तक लगातार निगरानी रखी, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला. आरोपियों की तलाश के लिए चार विशेष पुलिस टीमों का गठन किया गया है. नगर पुलिस अधीक्षक आयुष विक्रम सिंह का कहना है, अब तक की जांच में मामला किसी स्कूल के आंतरिक विवाद और स्थानीय पंचायत चुनाव की राजनीति से जुड़ा हुआ प्रतीत हो रहा है. फिर भी हर एंगल से जांच जारी है.
अफवाहें और हकीकत
गांव में यह खबर तेजी से फैल गई कि ‘न्यूड गैंग’ की और भी घटनाएं हुई हैं. महिलाओं के गायब होने की कहानियां सोशल मीडिया तक पहुंच गईं. लेकिन पुलिस का कहना है कि ये महज अफवाहें हैं. एसपी सिटी ने साफ किया कि अब तक सिर्फ दो घटनाओं की पुष्टि हुई है. अफवाहों पर ध्यान न दें . ग्राम प्रधान राजेंद्र का बयान भी चर्चा में है. उन्होंने कहा, पीड़िता के अनुसार, जिन्होंने उसे घसीटा वे पूरी तरह नग्न थे. इससे गांव की औरतें अब खेतों में अकेले जाने से डर रही हैं.
महिला आयोग की सख्ती
घटनाओं पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्ष विजय राहटकर ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर दोषियों की तुरंत पहचान और गिरफ्तारी की मांग की है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. राहटकर ने आदेश दिया है कि प्रभावित इलाकों में गश्त बढ़ाई जाए और तीन दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की प्रासंगिक धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई की जाए.
गांव की मनोदशा
भराला गांव के लोग आज एक अनदेखे डर में जी रहे हैं. दिन ढलते ही गलियां सुनसान हो जाती हैं. खेतों में काम करने वाले मजदूर झुंड बनाकर काम कर रहे हैं. महिलाएं बाहर निकलने से बच रही हैं. बच्चों के खेलकूद पर भी पाबंदियां लगाई जाने लगी हैं. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे गांव का नाम इस तरह सुर्खियों में आएगा," गांव के बुजुर्ग लाला राम कहते हैं कि अब तो बच्चियां स्कूल जाने से घबरा रही हैं.
सस्पेंस बरकरार
इस पूरे मामले में कई सवाल हैं जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला है. क्या यह सचमुच कोई गैंग है, या फिर राजनीतिक साज़िश? क्या किसी ने जानबूझकर गांव में डर का माहौल बनाने की कोशिश की? या फिर यह निजी दुश्मनी का खेल है जिसे "न्यूड गैंग" का नाम देकर सनसनीखेज बनाया जा रहा है? पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी पकड़ लिए जाएंगे. लेकिन जब तक हकीकत सामने नहीं आती, गांव का खौफ बरकरार रहेगा.
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