इटावा में उत्पीड़न से तंग आकर क्लर्क ने दी जान, अध्यक्ष-ज्योति गुप्ता समेत 5 पर केस दर्ज

इटावा नगर पालिका के सीनियर क्लर्क राजीव यादव ने उत्पीड़न से तंग आकर यमुना नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. लगभग 30 घंटे की तलाश के बाद SDRF ने उनका शव बरामद किया. मृतक के सुसाइड नोट में नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता, उनके पति और पूर्व अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता उर्फ संटू समेत पांच लोगों पर उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. पुलिस ने पांचों के खिलाफ BNS की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

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क्लर्क की मौत के बाद मातम में डूबा परिवार (Photo: Screengrab) क्लर्क की मौत के बाद मातम में डूबा परिवार (Photo: Screengrab)

अमित तिवारी

  • इटावा,
  • 28 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

यूपी के इटावा नगर पालिका में कार्यरत क्लर्क राजीव यादव ने दफ्तर में परेशान होकर अपनी जान दे दी. जानकारी के अनुसार, राजीव यादव ने लगातार हो रहे उत्पीड़न और मानसिक दबाव की वजह से यह जानलेवा कदम उठाया और यमुना नदी में कूद गए. लगभग 30 घंटे की लगातार मशक्कत के बाद SDRF की टीम ने उनका शव नदी से बरामद किया है.

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घटना के बाद मृतक का सुसाइड नोट सामने आया जिसमें इटावा नगर पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता, उनके पति और नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता उर्फ संटू, अधिशासी अधिकारी संतोष कुमार मिश्रा सहित दो अन्य रिटायर्ड कर्मचारियों के नाम दर्ज हैं. 

राजीव यादव ने अपने नोट में लिखा था कि इन लोगों के उत्पीड़न से वह बेहद परेशान थे और मजबूरी में यह कदम उठा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार भी लगाई थी.

पुलिस ने मृतक के बेटे सिद्धार्थ यादव की तहरीर पर पांचों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108, 352 और 351(2) सहित सुसंगत धाराओं में केस दर्ज हुआ है.

इस मामले पर मृतक के बेटे सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, 'मैं चाहता हूं कि मेरे पिता को न्याय मिले, जिन पांच लोगों के नाम उन्होंने लिखे हैं, उन पर तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए. इनकी वजह से मेरे पिता ने अपनी जान दी. उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए.'

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हालांकि, अभी तक इस मामले पर किसी अधिकारी का बयान सामने नहीं आया है. जिले का प्रशासनिक अमला चुप्पी साधे हुए है. नगर पालिका से जुड़े इस मामले ने शासन-प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर एक सरकारी कर्मचारी को लगातार उत्पीड़न झेलने के बाद आत्महत्या क्यों करनी पड़ी.

 

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