11 घंटे तक अस्पताल के बेड पर पड़ा रहा मरीज का शव, दूसरे मरीज वार्ड छोड़कर भागे

दोपहर में कुछ लोग 25 वर्षीय युवक सुंदर को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज छोड़कर चले गए. युवक के पास कोई पहचान पत्र नहीं था और उसकी पहचान भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई थी. डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया और उसे वार्ड में भर्ती कर लिया. इलाज के दौरान रात में उसकी सांसें थम गईं. मौत की पुष्टि होने के बाद भी 11घंटे तक शव को वार्ड से नहीं हटाया गया.

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अस्पताल में ऐसे ही 11 घंटे तक पड़ा रहा शव (Photo : ITG) अस्पताल में ऐसे ही 11 घंटे तक पड़ा रहा शव (Photo : ITG)

aajtak.in

  • कानपुर देहात ,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

कानपुर के अकबरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में शनिवार को एक लावारिस मरीज की मौत और उसके बाद सामने आई लापरवाही ने अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मृतक का शव 11 घंटे तक वार्ड के बेड पर पड़ा रहा, बदबू फैलने के बाद जब वॉर्ड से दूसरे मरीज और उनके तीमारदार भागे और हल्ला किया तब प्रशासन जागा.

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बेहोशी की हालत में छोड़ा गया था अस्पताल

जानकारी के मुताबिक, शनिवार दोपहर करीब 1:15 बजे कुछ लोग 25 वर्षीय युवक सुंदर को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज छोड़कर चले गए. युवक के पास कोई पहचान पत्र नहीं था और उसकी पहचान भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई थी. हालत गंभीर होने पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया और उसे वार्ड में भर्ती कर लिया.

इलाज के दौरान रात में हुई मौत

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, इलाज के दौरान सुंदर की हालत में सुधार नहीं हुआ और रात करीब 11 बजे उसकी सांसें थम गईं. मौत की पुष्टि होने के बाद भी शव को वार्ड से नहीं हटाया गया. अस्पताल में रात की पाली में शव को मोर्चरी भेजने के लिए आवश्यक इंतजाम न होने का हवाला दिया गया.

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सुबह तक बेड पर पड़ा रहा शव

रविवार सुबह करीब 9 बजे ड्यूटी पर मौजूद नर्सिंग अधिकारी ने आउटसोर्सिंग स्टाफ को बुलाकर शव को मोर्चरी भेजा. इसके बाद वार्ड की सफाई कराई गई. इस दौरान बदबू इतनी फैल गई कि वार्ड में भर्ती मरीज और उनके तीमारदार बाहर जाने को मजबूर हो गए. एक तीमारदार ने बताया, रात में बदबू बढ़ती गई. हमें मरीज को लेकर बाहर बैठना पड़ा, लेकिन किसी ने तुरंत कार्रवाई नहीं की.

अस्पताल का तर्क एंबुलेंस नहीं मिली

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मृतक को बेहतर इलाज के लिए रेफर करने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई. प्रबंधन ने माना कि मौत के बाद शव को समय पर हटाना जरूरी था और इसमें लापरवाही हुई.

प्रशासन की प्रतिक्रिया

मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया. प्राचार्य का कहना है कि मामले में संबंधित स्टाफ से स्पष्टीकरण मांगा गया है और जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे.

(रिपोर्ट: तनुज अवस्थी)

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