सीएम योगी ने यूपी के सभी 75 जिलों के लिए UNDP से किया समझौता, जानिए क्या होगा खास 

सीएम योगी ने प्रदेश में आपदा जोखिम को कम करने और राहत व्यवस्था को अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता किया है. यह समझौता प्रदेश के सभी 75 जिलों को कवर करेगा और इसे आने वाले तीन साल में लागू किया जाएगा. यह समझौता ज्ञापन (MoU) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुआ. UNDP की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी विशेष रूप से मौजूद रहीं.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी ने भेंट की. (Photo:X/@CMOfficeUP) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी ने भेंट की. (Photo:X/@CMOfficeUP)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

यूपी के आपदा प्रबंधन तंत्र को नया रूप देने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐतिहासिक पहल की है. प्रदेश में आपदा जोखिम को कम करने और राहत व्यवस्था को अधिक वैज्ञानिक, सशक्त और समन्वित बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता किया है. यह समझौता प्रदेश के सभी 75 जिलों को कवर करेगा और इसे आने वाले तीन सालों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.

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यह समझौता ज्ञापन (MoU) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में लखनऊ में  हुआ. इस अवसर पर UNDP की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी विशेष रूप से मौजूद रहीं. उन्होंने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट कर राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और पूर्ण तकनीकी सहयोग का आश्वासन भी दिया.

यह होगा इसका उद्देश्य 

न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक यह साझेदारी उत्तर प्रदेश में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (आपदा जोखिम न्यूनीकरण) कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर लागू करने, संस्थागत क्षमताओं को मज़बूत करने और तकनीकी दृष्टिकोण पर आधारित बहुस्तरीय प्रबंधन प्रणाली को विकसित करने की दिशा में एक ठोस शुरुआत मानी जा रही है.

इस समझौते की खास बातें 

- 75 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार की जाएंगी. 

- 15 प्रमुख विभागों के लिए अलग-अलग विभागीय योजनाएं बनाई जाएंगी.

- 10 विभागों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार होगी.

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- 20 प्रमुख शहरों में आपदा जोखिम और संवेदनशीलता का विश्लेषण कर शहरी आपदा प्रबंधन योजनाएं विकसित की जाएंगी.

19.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति

बताया जा रहा है कि यह संपूर्ण प्रक्रिया न केवल आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया को सक्षम बनाएगी, बल्कि पूर्व तैयारी, प्रशिक्षण, और संसाधन प्रबंधन को भी सुदृढ़ बनाएगी. राज्य स्तर पर आपदा सूचना प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए इसे एकीकृत और अधिक सक्षम बनाया जाएगा. इस कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. आईसीटी उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी और राहत आयुक्त कार्यालय में एक परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) स्थापित की जाएगी. इस पूरी योजना के संचालन और प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 19.99 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. यह राशि तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से खर्च की जाएगी. हर गतिविधि UNDP के तकनीकी दिशानिर्देशों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की संस्तुतियों के अनुरूप होगी.

आपदाओं से नुकसान होगा कम

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि आपदा प्रबंधन कोई वैकल्पिक क्षेत्र नहीं, बल्कि एक अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता बन चुका है. उन्होंने कहा, समय पर चेतावनी, प्रभावी योजना और समन्वित प्रयासों से ही हम आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को न्यूनतम कर सकते हैं. UNDP के साथ यह समझौता उत्तर प्रदेश के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित होगा.  मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह साझेदारी राज्य को वैश्विक मानकों के अनुरूप निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करेगी, जिससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी बल्कि नागरिकों को भी आपदाओं के प्रति अधिक जागरूक और तैयार किया जा सकेगा.

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UNDP ने दिया आश्वासन

UNDP की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता इस कार्यक्रम की सफलता की सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने आश्वस्त किया कि UNDP न केवल तकनीकी सहयोग देगा, बल्कि नीति निर्माण, क्षमता निर्माण और कार्यान्वयन में भी हर स्तर पर सहयोग करेगा.

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