भारतीय सीमा में पकड़ी गई चाइनीज महिला को आठ वर्ष की कैद, विदेशी अधिनियम के तहत सुनाई गई सजा

बहराइच में 2023 में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बिना वीजा पकड़ी गई चीनी महिला लिजिंग मेई को जिला एवं सत्र न्यायालय ने विदेशी अधिनियम 14A के तहत आठ वर्ष की कैद सुनाई गई है. बुद्धिस्ट पोशाक में नेपाल जाने की कोशिश करते समय एसएसबी और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उसके पास भारत में रहने का कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला था.

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चीनी महिला ने अपना नाम नाम लिजिंग मेई उर्फ लीसिंग मेई बताया (Photo: ITG) चीनी महिला ने अपना नाम नाम लिजिंग मेई उर्फ लीसिंग मेई बताया (Photo: ITG)

राम बरन चौधरी

  • बहराइच,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

बहराइच जिले के जिला एवं सत्र न्यायालय ने वर्ष 2023 में इंडो नेपाल बॉर्डर एरिया में बिना वीजा अवैध तरीके से भ्रमण करते हुए पकड़े जाने के एक मामले में चीन की एक बुद्धिस्ट महिला को आठ वर्ष की सजा सुनाई है. जिले के इंडो नेपाल बॉर्डर रूपईडीहा पर लगभग दो वर्ष पूर्व 2 दिसंबर 2023 को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) व स्थानीय रूपईडीहा पुलिस की संयुक्त चेकिंग के दौरान एक चीनी महिला को बिना वीजा व वैध दस्तावेज के गिरफ्तार किया था. 

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पकड़ी गई चीनी महिला ने अपना नाम नाम लिजिंग मेई उर्फ लीसिंग मेई पुत्री ली यू थाई बताया और वह चीन के ताओ एएन, ताओ वांग टाउन, पाक्सिंग टाउन, शेडोंग प्रांत, ग्रामकमांग 198 की रहने वाली थी. पकड़े जाने के दौरान वह भारतीय सीमा क्षेत्र से नेपाल की सीमा में प्रवेश करने वाली थी. बुद्धिस्ट पोशाक में पकड़ी गई चीनी महिला लीजिंग मेई उर्फ लीसिंग मेई के विरुद्ध बॉर्डर पर स्थित रूपईडीहा ले जाया गया और वहां से उसके विरुद्ध 14A विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया. इस मामले में पुलिस ने न्यायालय पर आरोप पत्र प्रस्तुत किया जिसमें विचारण उपरांत जिला एवं सत्र न्यायालय के अपर जिला जज तृतीय कविता निगम ने उपरोक्त चीनी महिला को विदेशी अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए उसे आठ वर्ष की सजा सुनाई जिसके बाद उसे जिला कारागार रवाना कर दिया गया.

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इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय बहराइच के सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि इंडो नेपाल बॉर्डर रूपईडीहा पर जो एसएसबी कैंप है वहां एसएसबी व पुलिस की संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय चेकिंग के दौरान एक महिला पाई गई थी वह महिला देखने से बुद्धिस्ट लग रही थी उसे जब कागजात मांगे गए तो वह भारत में रहने का वीजा न दिखा सकी उसके पास जो दस्तावेज थे वह चाइना के थे. वह भारत से नेपाल की ओर जा रही थी चेकिंग के दौरान जब उसके पास कोई कागजात नहीं मिले तो उसके विरुद्ध स्थानीय थाने पर 14A विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया. इसमें पुलिस ने विवेचना कर न्यायालय पर आरोप पत्र प्रस्तुत किया जिसमें विचारण के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय की एडीजे तृतीय ने उसे आठ वर्ष की सजा सुनाई है.

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