उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक गांव में उस वक्त तनाव फैल गया जब ग्रामीणों और पशु तस्करों के बीच टकराव हिंसा में बदल गया. इसमें 20 वर्षीय नीट छात्र दीपक गुप्ता की मौत हो गई और एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया. मामले में एसएसपी ने पिपराइच थाना अंतर्गत जंगल धूसर पुलिस चौकी के प्रभारी और पूरे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
आपको बता दें कि मंगलवार को दीपक की मौत से गुस्साए ग्रामीणों द्वारा पीटे जा रहे एक तस्कर को बचाने की कोशिश में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए थे, जिसके बाद अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मऊचापी गांव में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने पड़े. क्योंकि, भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया था और ग्रामीणों ने गोरखपुर-पिपराइच मार्ग भी जाम कर दिया था.
पुलिस ने कहा कि युवक की मौत सिर में गंभीर चोट लगने से हुई और उसने गोली लगने की खबरों को खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि छह संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जो पशु तस्कर हैं. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया कि "दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा", और वरिष्ठ अधिकारी कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए गांव पहुंचे हैं.
सोमवार देर रात शुरू हुआ बवाल
गोरखपुर पुलिस के अनुसार, यह उपद्रव सोमवार देर रात शुरू हुआ, जब 10-12 तस्कर दो पिकअप वैन में सवार होकर आए और कथित तौर पर दुर्गेश गुप्ता नामक व्यक्ति की फ़र्नीचर की दुकान में घुसने की कोशिश की. दुकान की ऊपरी मंजिल पर एक ट्रैवल एजेंसी थी जहां गुप्ता का एक रिश्तेदार सो रहा था. शटर जबरन खोले जाने की आवाजसुनकर, उसने दुर्गेश के बेटे दीपक को सूचित किया.
दीपक शोर मचाते हुए स्कूटर से मौके पर पहुंचा. लगभग 10-15 ग्रामीणों ने भी उसका पीछा किया. जिससे घबराकर तस्करों ने गोलियां चला दीं और भागने की कोशिश की. इस दौरान, उन्होंने दीपक को अपनी एक गाड़ी में घसीट लिया और मौके से भाग गए.
तस्कर की पिटाई, आगजनी
इस बीच, ग्रामीणों ने एक तस्कर को पकड़ लिया, उसकी गाड़ी में आग लगा दी और उसकी बुरी तरह पिटाई की. जब पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और घायल व्यक्ति को बचाने की कोशिश की, तो स्थानीय लोगों ने उनसे झड़प की और पथराव किया. इस घटना में पुलिस अधीक्षक (उत्तर) जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच थाना प्रभारी गंभीर रूप से घायल हो गए.
बाद में, पुलिस को लगभग 4 किलोमीटर दूर दीपक का खून से लथपथ शव मिला. जिसके बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. दीपक के पिता ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की होती तो उनके बेटे को बचाया जा सकता था. परिवार ने बताया कि दीपक मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए नीट की तैयारी कर रहा था.
डीआईजी और एसएसपी मौके पर
उधर, डीआईजी शिव एस चन्नप्पा और एसएसपी राज करण नैयर ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और त्वरित कार्रवाई का वादा किया. जिला मजिस्ट्रेट दीपक मीणा ने घटना को बेहद दुखद बताया और कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए कार्रवाई जारी है. उन्होंने कहा, "हमने परिवार से बात की है और उनकी मांगों पर चर्चा की गई है. स्थानीय और उच्च स्तर पर जो भी सहायता प्रदान की जा सकती है, वह सुनिश्चित की जाएगी.
परिवार की मांग
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दीपक गुप्ता के परिवार ने एक करोड़ रुपये के मुआवजे, एक सरकारी नौकरी और तस्करों और दोषी पुलिसकर्मियों, दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. दीपक की गमगीन मां ने कहा कि उसके बेटे के हत्यारों को मौत की सजा मिलनी चाहिए.
अंतिम संस्कार में भी बवाल
मंगलवार दोपहर, जब दीपक का शव अंतिम संस्कार के लिए उसके गांव पहुंचा, तो माहौल और भी ज्यादा अशांत हो गया. सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए और रोती-बिलखती महिलाओं ने पीएसी कर्मियों पर पथराव कर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. दीपक के पिता ने चिता को अग्नि दी, जबकि डीआईजी और एसएसपी स्थिति पर नजर रखने के लिए गांव में ही तैनात रहे.
मीडिया से बात करते हुए, एसएसपी ने कहा कि वीडियोग्राफी के तहत पोस्टमॉर्टम किया गया और मौत का कारण सिर में गंभीर चोट थी. उन्होंने गोली लगने की अफवाहों का खंडन किया. बकौल एसएसपी, "शरीर पर गोली के कोई निशान नहीं मिले हैं. आरोपी पशु तस्कर हैं और उनके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. छह संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस की 5 टीमें आरोपियों की तलाश कर रही हैं.
गांव में पीएसी तैनात
इससे पहले, एसएसपी ने कहा था कि प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और अतिरिक्त बलों को तैनात करके स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि घटना की सूचना सुबह करीब 3.30 बजे मिली थी. तस्कर दो पिकअप वैन में सवार होकर आए थे, जिनमें से एक मौके से भागने में सफल रही, जबकि दूसरी फंस गई और युवक (दीपक) उसके पीछे गया. फंसी हुई पिकअप वैन में से एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई थी.
सिर में चोट लगने से हुई थी दीपक की मौत
उन्होंने कहा- युवक (दीपक) के सिर में चोटें आईं, जिसके कारण दुर्भाग्य से उसकी मौत हो गई. परिवार की ओर से शिकायत मिली है और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. हालांकि, पुलिस ने यह नहीं बताया कि कथित पशु तस्कर गांव में क्या कर रहे थे या उन्होंने दुकान में सेंध लगाने का प्रयास क्यों किया.
आरोपी का एनकाउंटर
इस बीच बुधवार दोपहर को दीपक गुप्ता हत्याकांड में शामिल एक आरोपी का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया. उसका नाम रहीम है. फिलहाल, घायल रहीम को इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मामले में अबतक कुल चार आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं.
पुलिस ने बताया कि घायल आरोपी रहीम कुशीनगर के दुर्गपट्टी इलाके का वाला है. गो तस्करी के आरोप में रहीम पहले भी जेल जा चुका है. आरोप है कि सोमवार रात पिपराइच थाना क्षेत्र में हुई घटना में रहीम मुख्य तौर पर शामिल था.
पूरी पुलिस चौकी सस्पेंड
जंगल धूसर पुलिस चौकी के प्रभारी और पूरे स्टाफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने पर अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई "उनके आचरण में गंभीर लापरवाही, कर्तव्य के प्रति उदासीनता और मनमानी" के कारण की गई है. फिलहाल, मौके पर शांति-व्यवस्था कायम है.
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