उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भाजपा के तीन दर्जन से अधिक ब्राह्मण विधायकों की एक विशेष बैठक आयोजित हुई. इस बैठक पर देवरिया जिले की बरहज विधानसभा से भाजपा विधायक दीपक मिश्रा उर्फ शाका ने कड़ा ऐतराज जताया है. विधायक ने कहा कि जो नेता जाति की बात करते हैं, उन्हें राजनीति की बात बंद कर देनी चाहिए.
उन्होंने खुद को इस बैठक से अलग रखते हुए स्पष्ट किया कि नेतृत्व जब भी किसी जाति विशेष का हुआ है, तब राष्ट्र और समाज का पतन हुआ है. साथ ही, उन्होंने ब्राह्मणों को लेकर सहानुभूति जताने वाले सपा नेता शिवपाल यादव की टिप्पणियों को उनकी 'बौखलाहट' करार दिया.
'मैं नेता हूं, कोई जाति नहीं'
विधायक दीपक मिश्रा शाका ने दो टूक शब्दों में कहा कि वह कल तक ब्राह्मण थे, लेकिन आज एक विधायक हैं और उनका कर्तव्य पूरे समाज के प्रति है. उन्होंने जाति की राजनीति करने वालों को संदेश देते हुए कहा कि यदि समाज में काम करना है, तो जाति, धर्म और मजहब से ऊपर उठना होगा. शाका ने चेतावनी दी कि जाति की दुकान चलाने वालों को राजनीति छोड़ देनी चाहिए. उनके अनुसार, यदि कोई सिर्फ जाति का नेतृत्व करता है, तो उसे दूसरे के दरवाजे पर नहीं जाना चाहिए.
शिवपाल यादव पर तीखा पलटवार
सपा नेता शिवपाल यादव द्वारा ब्राह्मणों को अपने पाले में बुलाने की कोशिशों पर विधायक ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव अपना स्थान तलाश रहे हैं और समझ नहीं पा रहे कि वह अखिलेश यादव के किस 'खाने' में फिट बैठेंगे. शाका ने कहा कि शिवपाल के हिस्से की सपा मुलायम सिंह जी के साथ ही चली गई. विधायक ने जोर देकर कहा कि उन्हें अखिलेश या शिवपाल से ब्राह्मण होने का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए, क्योंकि भाजपा ने उन्हें विधायक बनाकर पहले ही सम्मान दिया है.
मोदी-योगी के नेतृत्व में आस्था
दीपक मिश्रा ने कहा कि वह ऐसे हजारों ब्राह्मणों के नाम गिना सकते हैं जो प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में अटूट आस्था रखते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा हिंदुस्तान के उत्थान के लिए काम किया है और वे किसी के बहकावे में आने वाले नहीं हैं. विधायक का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में जातीय समीकरणों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं.
राम प्रताप सिंह