लड़कियों को सलवार कमीज, लड़के पहनेंगे कुर्ता, भूल जाओ स्मार्टफोन..., बागपत में पंचायत के फरमान पर छिड़ी बहस

बागपत जिले में खाप पंचायत के फरमान ने नई बहस छेड़ दी है. नाबालिगों के स्मार्टफोन इस्तेमाल, सार्वजनिक स्थानों पर हाफ पैंट पहनने और गांव से बाहर मैरिज हॉल में शादी पर रोक को लेकर लोग बंटे नजर आ रहे हैं. जहां कुछ इसे सामाजिक मूल्यों की रक्षा बता रहे हैं, वहीं बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता इसका विरोध कर रहे हैं.

Advertisement
'सलवार कमीज और कुर्ता पहनों, भूल जाओ स्मार्टफोन...'  (Photo: Screengrab) 'सलवार कमीज और कुर्ता पहनों, भूल जाओ स्मार्टफोन...' (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • बागपत ,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में खाप पंचायत के हालिया फैसलों को लेकर समाज में तीखी बहस छिड़ गई है.खाप पंचायत ने फरमान जारी करते हुए 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के स्मार्टफोन इस्तेमाल और सार्वजनिक स्थानों पर हाफ पैंट पहनने पर आपत्ति जताई है. इसके साथ ही पंचायत ने यह भी कहा है कि शादियां मैरिज हॉल में न होकर गांव और घरों में ही संपन्न होनी चाहिए.

Advertisement

एजेंसी के अनुसार, खाप पंचायत ने लड़कों के लिए कुर्ता-पायजामा और लड़कियों के लिए सलवार-कुर्ता पहनने का सुझाव दिया है.पंचायत के इस फैसले को जहां कुछ वर्गों ने सामाजिक संस्कारों की रक्षा की दिशा में कदम बताया है, वहीं कई बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे अव्यवहारिक और तानाशाही करार दिया है.

इतिहासकार अमित राय जैन ने खाप पंचायत के फैसलों को 'तुगलकी फरमान' बताते हुए कहा कि आज के दौर में मोबाइल फोन जरूरत बन चुका है.उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक संपर्क और कामकाज काफी हद तक मोबाइल पर निर्भर हैं, ऐसे में किसी भी तरह का प्रतिबंध व्यवहारिक नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कानून बनाने का अधिकार सरकार और प्रशासन का है, न कि पंचायतों का.

दूसरी ओर, देशखाप मावी के ठम्बेदार चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि वह फैसलों का विरोध नहीं करते, लेकिन किसी पर भी कुछ थोपना सही नहीं है.उन्होंने बच्चों को संस्कार देने और समझाने पर जोर देते हुए कहा कि अच्छे संस्कारों वाले बच्चे खुद ही गलत चीजों से दूर रहते हैं. खाप के फैसलों को राजनीतिक समर्थन भी मिलता दिख रहा है. राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बागपत सांसद राजकुमार सांगवान और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि सामाजिक मूल्यों को बचाना समय की जरूरत है. सांसद सांगवान ने कहा कि खाप के विचार समाज को मजबूत करने वाले हैं.

Advertisement

थांबा पट्टी मेहर देशखाप के चौधरी बृजपाल सिंह और खाप नेता सुभाष चौधरी ने कहा कि गांवों के जिम्मेदार लोगों से चर्चा कर इन फैसलों को लागू करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि अन्य खापों से समन्वय कर इन निर्णयों को पूरे उत्तर प्रदेश में लागू करने की कोशिश होगी. पूर्व छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह रमाला ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि संस्कारों की शुरुआत घर से होती है और पंचायत के सदस्यों को पहले खुद उदाहरण पेश करना चाहिए. साथ ही उन्होंने मोबाइल के संतुलित इस्तेमाल और बच्चों के साथ समय बिताने पर जोर दिया.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement