दीपोत्सव 2025: अयोध्या से लेकर गाजीपुर तक ईको टूरिज्म की अनोखी यात्रा, श्रद्धालुओं को मिलेगा प्राकृतिक और सांस्कृतिक आकर्षणों का संपूर्ण अनुभव

अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड ने देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष ईको डेस्टिनेशन आइटिनरी तैयार की हैं. अयोध्या, लखनऊ, उन्नाव, वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण इसमें शामिल है. पांच अलग-अलग आइटिनरी उपलब्ध हैं, जो वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देखी जा सकती हैं.

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प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण.(Photo: Samarth Srivastava/ITG) प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण.(Photo: Samarth Srivastava/ITG)

समर्थ श्रीवास्तव

  • अयोध्या,
  • 17 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

अयोध्या में आयोजित होने वाले विश्वप्रसिद्ध दीपोत्सव के अवसर पर उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड ने देश–दुनिया से आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष ईको डेस्टिनेशन भ्रमण की तैयारियां शुरू कर दी है. बोर्ड ने पर्यटकों के लिए पांच अलग–अलग आइटिनरी तैयार की हैं, जिनमें अयोध्या के साथ लखनऊ, उन्नाव, वाराणसी, गाजीपुर और चंदौली के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण शामिल है. इस पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ राज्य की प्राकृतिक सुंदरता का भी अनुभव कराना और स्थानीय समुदायों की आय में वृद्धि करना है.

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अयोध्या–लखनऊ आइटिनरी

पहली आइटिनरी दो दिन और एक रात की है, जिसमें पहले दिन अयोध्या का भ्रमण और दूसरे दिन गोंडा स्थित पार्वती अर्गा बर्ड सेंचुरी का दौरा शामिल है. दूसरी आइटिनरी तीन दिन और दो रात की है, जिसमें पहले दिन लखनऊ का भ्रमण, दूसरे दिन अयोध्या और तीसरे दिन लखनऊ के कुकरैल रिजर्व फॉरेस्ट का अनुभव पर्यटकों को मिलेगा. तीसरी आइटिनरी चार दिन और तीन रात की है, जिसमें रामसर साइट नवाबगंज पक्षी विहार के साथ उन्नाव को जोड़ा गया है.

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अयोध्या–वाराणसी–गाजीपुर–चंदौली आइटिनरी

चौथी आइटिनरी में अयोध्या, वाराणसी और गाजीपुर को जोड़ा गया है. इसमें अयोध्या और काशी के प्रमुख स्थलों के साथ सारनाथ स्थित कछुआ प्रजनन एवं पुनर्वास केंद्र, गंगा दर्पण म्यूजियम तथा गाजीपुर जनपद के सैदपुर क्षेत्र में गंगा नदी में डॉल्फिन दर्शन शामिल हैं. पांचवीं आइटिनरी पांच दिन और चार रात की है, जिसमें चंदौली जिले के राजदरी और देवदरी जलप्रपात का भ्रमण भी शामिल किया गया है.

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उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड ने बताया कि इन आइटिनरी में उन्हीं स्थलों को शामिल किया गया है, जिन्हें पर्यटक अयोध्या भ्रमण के दौरान आसानी से एक्सेस कर सकें. सभी आइटिनरी बोर्ड की वेबसाइट www.upecoboard.up.gov.in और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं. गंगा दर्पण म्यूजियम सारनाथ का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे नमामि गंगे योजना के अंतर्गत वित्तपोषित किया गया है और इसका प्रबंधन वाइल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है.

राज्य के प्राकृतिक आकर्षणों का आनंद ले सकेंगे पर्यटक

राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश धार्मिक, आध्यात्मिक और ईको टूरिज्म का संगम है. उन्होंने कहा, ईको टूरिज्म विकास बोर्ड की यह पहल सराहनीय है. दीपोत्सव में आने वाले श्रद्धालु धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ राज्य की प्राकृतिक सुंदरता का भी अनुभव कर सकेंगे. इस वर्ष दीपोत्सव पर पर्यटक न केवल धार्मिक स्थलों की यात्रा करेंगे बल्कि राज्य के जंगल, जलप्रपात, पक्षी विहार और नदी पर्यावरण जैसी प्राकृतिक धरोहरों का भी आनंद ले सकेंगे. यह पहल उत्तर प्रदेश को धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन का एक आकर्षक गंतव्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

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