'आशुतोष महाराज ने भेजा था आंतरिक संदेश...' समाधि लेने वाली साध्वी के भक्तों ने क्या-क्या बताया?

Lucknow News: दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (Divya Jyoti Jagrati Sansthan) के संस्थापक व धर्मगुरु आशुतोष महाराज (ashutosh maharaj) की शिष्या आशुतोषांबरी ने बीते 28 जनवरी को लखनऊ के आश्रम में समाधि ले ली. आशुतोषांबरी के शिष्यों का कहना है कि आशुतोष महाराज ने गुरु मां को आंतरिक संदेश भेजा था कि मुझे समाधि से बाहर निकालो, इसी वजह से गुरु मां ने समाधि ली है.

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आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी. आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी.

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 09 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

UP News: आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी ने लखनऊ के आश्रम में बीते 28 जनवरी को समाधि ले ली. उनके शिष्य बाबा महादेव ने कहा कि आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) को आंतरिक संदेश भेजा था और कहा था कि वह उन्हें समाधि से वापस ले आएं, क्योंकि इन लोगों ने डीप फ्रीजर में कैद करके रखा हुआ है, इसीलिए मैं वापस नहीं आ पा रहा हूं. आश्रम के लोगों का दावा है कि गुरु के लिए समाधि लेने वाली आशुतोषांबरी की सांसें बंद हैं, लेकिन ECG मशीन में हलचल दिखी है.

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आश्रम में शिष्य ब्रह्मर्षि जमदग्नि ने कहा कि उनकी गुरु मां आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) ने सभी शिष्यों को बताकर समाधि ली, ताकि वे गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से जगाकर वापस भौतिक शरीर में लाकर उनकी चेतना जागृत करा सकें. गुरु मां को ध्यान अवस्था में आशुतोष महाराज का संदेश मिला था.

जब सवाल किया गया कि क्या आशुतोष महाराज (ashutosh maharaj) खुद भौतिक शरीर में आने में सक्षम नहीं हैं तो जमदग्नि ने कहा कि गुरु को शिष्य ही उठाता है. वहीं डॉ. स्वामी आदि शंकरानंद ने बताया कि उन लोगों ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की है कि जो समाधि में उनकी गुरु मां गईं हैं, उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाए.

उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की टीम आई थी, उन्होंने जांच की है, गुरु मां आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) की पल्स और हार्टबीट नहीं चल रही है, लेकिन डॉक्टर और विज्ञान इस बात से हैरान है कि जब उन्होंने ईसीजी किया तो उनको हलचल महसूस हुई. अब हम लोगों ने मस्तिष्क की जांच के लिए प्रशासन से कहा है. जो डॉक्टर आए थे, उन्हें प्रशासन ने भेजा था.

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आश्रम के शिष्यों ने किया ये दावा

आश्रम के शिष्यों का दावा है कि उनकी गुरु मां समाधि में चली गई हैं और जल्द ही वे समाधि से आएंगी, ताकि वे आशुतोष महाराज को वापस ला सकें. आश्रम के ऊपर जिस कमरे में आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) ने समाधि ली है, वहां तक जाने की मनाही है. यहां दर्शन के लिए जाने दिया गया, लेकिन उससे पहले मोबाइल, पेन व बैग सब जमा करा लिया गया और मेटल डिटेक्टर से स्कैनिंग की गई. जब खिड़की से देखा तो कंबल के अंदर लेटी हुई थीं, मुंह ढंका हुआ था. समाधि की सत्यता क्या है? यह तो आशुतोषांबरी जानती होंगी या उनके इर्द गिर्द मौजूद सेवादार लोग जानते होंगे.

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