अमेरिका में 1 सेंट के सिक्के बंद हो गए हैं. नवंबर में इन सिक्कों की आखिरी खेप ढाली गई. आखिरी खेप में 1 सेंट के 232 सेट ढाले गए. एक सेट में 3 सिक्के होते हैं. टकसाल से निकले इन 232 सेट में जितने भी सिक्के थे, सारे के सारे नीलाम कर दिए गए. सभी सिक्कों के लिए खरीदारों ने 16.76 मिलियन डॉलर की अंतिम बोली लगाई, जो करीब डेढ़ अरब रुपये हैं.
सेंट की 232 सेट में जो सबसे आखिरी सेट था, उसके तीन सिक्कों के लिए अलग से बोली लगाई गई. ये अंतिम सेट 8 लाख डॉलर में बिके यानी इंडियन करेंसी में इसकी कीमत 7 करोड़ रुपये है. जैसे भारत में पैसा होता है, उसी तरह अमेरिका में सेंट मुद्रा की एक इकाई है. वहां एक सेंट के सिक्के की ढलाई का खर्च उसके वैल्यू से ज्यादा हो रहा था.
अमेरिका में बंद हो गया 1 सेंट का सिक्का
एसोसिएट प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में सरकार ने सेंट का उत्पादन बंद करने से पहले अमेरिका में प्रचलन में रहे पेनी को ढालने में लाखों डॉलर खर्च किए थे. क्योंकि एक सेंट का एक सिक्का ढालने की लागत 2 से 3 सेंट था. ऐसे में एक सेंट के सिक्के ढालने में सरकार को घाटा हो रहा था.
सेंट की अंतिम खेप को सरकार ने कर दिया नीलाम
अमेरिकी टकसाल ने सेंट की अंतिम खेप को सर्कुलेट करने के लिए इसे नीलाम करने का फैसला लिया. इसके लिए स्टैक्स बोवर्स गैलरीज ने एक नीलामी का आयोजन किया. इसमें तीन-तीन सेंट के 232 अंतिम सेट की नीलामी की गई. टकसाल को नीलामी में सभी सिक्कों के लिए 16.76 मिलियन डॉलर की भारी रकम खरीदारों से मिली.
232वां सेट—जिसमें अमेरिका के आखिरी तीन पेनी शामिल थे, 800,000 डॉलर में बिका. उस बोली लगाने वाले को वे तीन डाई भी मिले जिनसे ये लिंकन सेंट बनाए गए थे.
प्रत्येक सेट में फिलाडेल्फिया और डेनवर टकसाल में ढाले गए 2025 के एक सेंट के दो सिक्के और एक युग के अंत के प्रतीक के तौर पर 24 कैरेट सोने का एक सिक्का भी शामिल था. प्रत्येक सिक्के पर एक अनूठा ओमेगा प्रतीक भी अंकित था.
पहली बार सिक्कों के लिए लगी इतनी ऊंची बोली
स्टैक्स बोवर्स में न्यूमिजमैटिक अमेरिकना के निदेशक जॉन क्रालजेविच ने कहा कि यह उस तरह की नीलामी थी जहां बोली लगाने तक आपको वस्तुओं का बाजार मूल्य पता नहीं चलता. मैं 40 वर्षों से सिक्कों की नीलामी में जा रहा हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं देखा, क्योंकि ऐसा पहले कभी हुआ ही नहीं है.
अमेरिका में इतिहास बन गया सेंट
स्टैक्स बोवर्स के अध्यक्ष ब्रायन केंड्रेला ने कहा कि इन सिक्कों ने लंबे समय तक जनता के सपनों को आकार दिया. जब इसे 1793 में शुरू किया गया था. तब एक पैसे में एक बिस्कुट या एक कैंडी खरीदी जा सकती थी. अब उनमें से अधिकतर जार या कबाड़ के दराजों में बंद पड़े हैं. मुझे लगता है कि बहुत से लोगों के लिए सेंट के उत्पादन का अंत एक पुरानी यादों से जुड़ा हुआ है.
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