नारायणमूर्ति की सलाह पर शार्क टैंक वाले अनुपम मित्तल ने ये क्या कह दिया...

रियलिटी शो शार्क टैंक के जज और शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया है जिसके बाद से वह चर्चा में आ गए हैं.ये पोस्ट इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति की सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह को लेकर है.

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अनुपम मित्तल (फाइल फोटो) अनुपम मित्तल (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 31 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

बीते दिनों आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति की सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह चर्चा में रही, लोग अभी भी इसपर अपनी राय दे रहे हैं. इस बीच रियलिटी शो शार्क टैंक के जज और शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने  इस सलाह पर अपनी जो राय रखी उससे कई लोग हैरान हैं.  

'आज भी मैं सप्ताह के 70 घंटे काम करता हूं'

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दरअसल, उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें उनके साथ शार्क टैंक के अन्य जज - बोट के को फाउंडर अमन गुप्ता, कार देखो के को- फाउंडर अमित जैन, Emcure Pharmaceuticals Limited की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर और सुगर कॉस्मेटिक्स की सीईओ विनीता सिंह है. यहां मित्तल ने जो कैप्शन लिखा है वह चर्चा का विषय बन गया है. इसमें लिखा है- 'इतने सालों से आज भी मैं सप्ताह के 70 घंटे काम करता हूं.' उनके इस पोस्ट से साफ था कि वे नारायणमूर्ति की सप्ताह में 70 घंटे काम वाली सलाह के पक्ष में हैं.

'जब काम की वजह केवल पैसा हो तो...'

उनके इस पोस्ट पर लोगों के तेजी से रिएक्शन आए.  एक यूजर ने लिखा- "आप बिजनेसमैन हैं इसीलिए. मुझे बताएं, अदर आप इंफोसिस या किसी अन्य कंपनी में कर्मचारी हैं, जहां काम करने का एकमात्र कारण पैसा है (यहां तक ​​कि वेतन भी इंफोसिस द्वारा दी जाने वाली पेशकश के समान है) तो क्या तब भी आप इतना काम करेंगे? बिजनेस मैन और कर्मचारी में बड़ा अंतर होता है."

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इसपर मित्तल ने जवाब दिया- एक दिन कर्मचारी था और तब भी इसी तरह काम करता था. वहीं किसी और ने तंज करते हुए लिखा- आप मजाक अच्छा कर लेते हैं. एक यूजर ने लिखा- ऐसा करके बतौर सीईओ गलत एग्जाम्पल सैट कर रहे हैं आप. एक यूजर ने लिखा- फिर तो आप अपने कर्मचारियों को भी अच्छी सैलरी देते होंगे?

क्या कहा था नारायणमूर्ति ने?

बताते चलें कि नारायणमूर्ति ने कहा है कि 'देश को तरक्की चाहिए तो युवाओं को हर रोज करीब 12 घंटे काम करना चाहिए. यानी हफ्ते में कुल 70 घंटे, तभी भारत उन अर्थव्यवस्थाओं के साथ कमपीट कर सकेगा, जिन्होंने पिछले दो से तीन दशकों में कामयाबी हासिल की है'. उन्होंने पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई से बात करते हुए ये सलाह दी है.

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