नोएडा में एक कंपनी के फाउंडर और सीए दीपक भाटी ने हसल कल्चर (24/7 काम करने की सोच) को खारिज करते हुए कहा कि सफलता लगातार मेहनत से नहीं, बल्कि फोकस और स्मार्ट वर्क से मिलती है. उन्होंने बताया कि वे रोज़ाना सिर्फ 5-6 घंटे काम करते हैं, लेकिन उनकी कंपनी ने पिछले दो सालों में 200% ग्रोथ हासिल की है. भाटी का मानना है कि सफलता का पैमाना घंटों की संख्या नहीं, बल्कि काम के नतीजे होते हैं. उनकी यह पोस्ट लिंक्डइन पर वायरल हो गई और इस पर लोगों ने खूब चर्चा की.
12-14 घंटे काम करने से नहीं मिलती सफलता
सीए दीपक भाटी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखी, जो अब वायरल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि वे दिन-रात 12-14 घंटे काम नहीं करते, बल्कि ज्यादातर दिन सिर्फ 5-6 घंटे ही काम करते हैं. उनका कहना है कि उनकी सफलता स्मार्ट वर्क और फोकस से आई है, न कि लगातार काम करने से. काम के अलावा वे पढ़ते हैं, सोचते हैं, अपनी बेटी के साथ समय बिताते हैं या फिर आराम करते हैं. उन्होंने कहा, "क्या इससे मेरी महत्वाकांक्षा कम हो जाती है? मुझे नहीं लगता."
2 सालों में बढ़ा कंपनी का राजस्व 200%
भाटी ने बताया कि पिछले 2 सालों में उनकी कंपनी का राजस्व 200% बढ़ा है, और यह बिना 14 घंटे काम किए ही हुआ. उन्होंने लिखा, “घंटे आपकी महत्वाकांक्षा नहीं दिखाते, बल्कि आपके नतीजे (results) दिखाते हैं.”लिंक्डइन यूजर्स के पास कहने के लिए बहुत कुछ था. एक यूजर ने कहा, "आखिरकार, सब कुछ उत्पादकता और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में है। ऐसे रास्ते पर चलें जो संतुष्टि लाए और बस यही आपकी ज़रूरत है," जबकि एक अन्य ने कहा, "कुछ न करना अपने आप में एक काम है, और अक्सर सबसे मूल्यवान भी.
लिंक्डइन पर पोस्ट हो रहा वायरल
हालांकि, उनके एक कर्मचारी ने उनकी खिंचाई करने से खुद को नहीं रोका. उन्होंने लिखा, "बॉस, यह पोस्ट प्रेरणादायक है, लेकिन एचआर अभी भी मेरे लॉगिन का समय देख रहा है." भाटी ने हंसते हुए इमोजी के साथ जवाब दिया, "मैं देखता हूं." जैसा कि दीपक भाटी की पोस्ट में बताया गया है, हो सकता है, कभी-कभी कम काम करने से आपको अधिक हासिल करने में मदद मिल सकती है.
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