बच्चे को झूले पर ले गई थी मां, आ गया कार्डिएक अरेस्ट! कहीं आप भी नहीं करते ये गलती

फ्लोरिडा के वॉल्ट डिज्नी वर्ल्ड में एक 5 साल का बच्चा अपने माता-पिता के साथ घूमने आया था. रोलर कोस्टर की सवारी के दौरान बच्चे को कार्डियक अरेस्ट हुआ. बच्चे की मां ने तुरंत सीपीआर दिया और डिज्नी के कर्मियों ने मदद की. बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पता चला कि उसे दुर्लभ हृदय की स्थिति है.

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रोलर कोस्टर पर बच्चे को आया कार्डियक अरेस्ट रोलर कोस्टर पर बच्चे को आया कार्डियक अरेस्ट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

एक कपल अपने बच्चे को लेकर डिज्नी वर्ल्ड में मस्ती करने पहुंचा था. वहां तरह-तरह के झूले लगे थे. बच्चे की जिद पर पूरे परिवार ने एक रोलर कोस्टर की सवारी करने पहुंच गया. यह झूला काफी तेज रफ्तार से चलता है और बेहद रोमांचक होता है. 

रोलर कोस्टर शुरू होने के 20 सेकंड बाद ही उस परिवार की मस्ती काफूर हो गई. क्योंकि 5 साल के बच्चे की सांस अचानक से रुक गई और वह कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो गया. यह घटना उस परिवार के लिए एक बुरे सपने की तरह था. इसके बाद बच्चे की मां चिल्लाने लगी और झूले को रुकवाया.

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यह घटना फ्लोरिडा की है. यहां के वॉल्ट डिज्नी वर्ल्ड में एक बच्चा अपने माता-पिता के साथ घूमने आया था. लेकिन, रोलर कोस्टर पर मस्ती करना उसे भारी पड़ा गया. बच्चे की मां ने बताया कि हमलोग अपने बच्चे के साथ एक रोलर कोस्टर पर बैठे थे. तभी उसकी हालत बिगड़ने लगी. वह बेहोश हो गया और उसकी सांस भी नहीं चल रही थी.  

बच्चे की मां क्रिस्टी टैगले ने रोलर कोस्टर रुकते ही अपने बच्चे को सीपीआर देना शुरू किया. इसके बाद डिज्नी के कर्मियों ने तुरंत मदद की और बच्चे को हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया. इसके बाद बच्चे का तुरंत इलाज शुरू हुआ और उसका हृदय फिर से काम करने लगा. 

इसके बाद बच्चे को तीन अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया. सभी जगह अलग-अलग टेस्ट हुए और पता चला कि उसे कैटेकोलामाइनर्जिक पॉलीमॉर्फिक वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया (CPVT) है, जो एक दुर्लभ हृदय की स्थिति होती है. इसमें अत्यधिक उत्तेजना या गतिविधि के दौरान कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. 

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बच्चा सिर्फ 5 साल का था और वह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले झूले की सवारी कर रहा था. इस वजह से बच्चे की हालत बिगड़ गई और वह कार्डिएक अरेस्ट का शिकार हो गया. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या इतने छोटे बच्चे को इतनी तेज रफ्तार वाले झूले की सवारी करानी चाहिए. यह माता-पिता को खुद सोचना चाहिए.

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