जब 3 दोस्तों ने मिलकर घर के पीछे ही बना लिया अपना देश... झंडा, राष्ट्रगान, करेंसी सब है!

ऑस्ट्रेलिया में 44 साल पहले तीन दोस्तों ने मिलकर घर के पीछे सिर्फ 10 वर्ग मीटर की जगह में एक नया देश बना लिया था. आज इस देश का क्षेत्रफल वेटिकन से भी दोगुना हो गया है. अलग बात है कि इस देश को दूसरे देशों ने मान्यता नहीं दी है. फिर भी ये एक माइक्रोनेश के तौर पर जाना जाता है.

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44 साल पहले तीन दोस्तों ने मिलकर बना लिया था अपना देश (Photo - AI Generated) 44 साल पहले तीन दोस्तों ने मिलकर बना लिया था अपना देश (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST

44 साल पहले तीन दोस्तों ने कुछ अलग करने का प्लान बनाया और फिर अपने घर के पीछे जाकर एक लकीर खींच दी. इसके बाद एक अलग देश की घोषणा कर दी. 10 वर्ग मीटर के इस क्षेत्र का नाम तीनों ने मिलकर अटलांटियम साम्राज्य रखा और बकायदा इसका एक झंडा बनाकर भी फहराया. 

आज इस देश के 3000 नागरिक हैं.  बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी के एक उपनगर में 1981 में क्रूइकशैंक नाम के लड़के ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर घर के पीछे एक सीमा रेखा खींच कर नए देश की घोषणा कर दी. 

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इस देश के अपने सिक्के और डाक टिकट भी ढाले
क्रूइकशैंक ने खुद को इस देश का सम्राट घोषित किया और  इस तरह अटलांटियम नाम का एक माइक्रोनेशन अस्तित्व में आ गया. क्रूइकशैंक ने डाक टिकट जारी किए, सिक्के और बैंकनोट ढाले, राजनयिक प्रतिनिधि नियुक्त किए और झंडों और चिह्नों की एक श्रृंखला तैयार की. उन्होंने एक दशमलव कैलेंडर प्रणाली भी अपनाई जो वर्ष को 10 महीनों में विभाजित करती है.

अब 80 हेक्टेयर में फैल चुका है ये देश
आज 44 साल बाद घर के पिछवाड़े में बनाए गए इस देश की एक छोटी सी राजधानी भी है, जो 80 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है. क्रूइकशैंक ने बताया कि 2008 में उसने सिडनी से लगभग 350 किमी  दूर 80 हेक्टेयर जमीन खरीदी. फिर इसेअटलांटियम की प्रशासनिक राजधानी बना दिया गया. अटलांटियम का एक राष्ट्रगान भी है जिसका नाम इसी प्रांत के नाम पर रखा गया है.

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अटलांटियम की इस राजधानी का नाम ऑरोरा है. सम्राट अपने अधिकांश सप्ताहांत ऑरोरा प्रांत के कॉनकॉर्डिया में बिताते हैं, जहां वे नीतिगत वक्तव्यों का ड्राफ्ट तैयार करते हैं.यहां से सम्राट अन्य छोटे राष्ट्रों के नेताओं के साथ पत्राचार करते हैं. यहां तक की अमेरिका, सिंगापुर और स्विट्ज़रलैंड में अटलांटियम के गैर-मान्यता प्राप्त राजनयिक प्रतिनिधि भी हैं. 

अब ये माइक्रोनेशन 10 वर्गीमीटर से  0.75 वर्ग किलोमीटर (0.29 वर्ग मील) का हो गया है. अटलांटियम का क्षेत्रफल वेटिकन से दोगुना है. इस देश की  संपत्ति में झाड़ियां और एक केबिन है. यह केबिन इस देश का सरकारी आवास है. यहां एक डाकघर भी है. यहां टिकट और पोस्टकार्ड मिलते हैं. साथ ही दो संरक्षक स्फिंक्स से घिरा एक 4 मीटर ऊंचा (13 फीट) पिरामिड है. यह पिरामिड कैपिटलाइन स्तंभ के सामने स्थित है.

अटलांटियम को देश मानते हैं इसके संस्थापक
क्रूइकशैंक का कहना है कि अटलांटियम 1933 के मोंटेवीडियो कन्वेंशन द्वारा परिभाषित एक स्टेट के चारों मानदंडों को पूरा करता है. अटलांटियम की एक स्थायी आबादी है (इसके 3,000 दूरस्थ नागरिक हैं). इसका एक निश्चित क्षेत्र है, एक सरकार और अन्य राज्यों के साथ संबंध बनाने की क्षमता भी है. 

इस देश के 3000 नागरिक 100 अलग-अलग देशों से आते हैं. हालांकि, इनमें से अधिकांश ने कभी इस देश में कदम नहीं रखा है. हालांकि, दूसरे देश अटलांटियम को राष्ट्र या देश नहीं मानते हैं. यही वजह है कि यह माइक्रोनेशन की श्रेणी में आता है.

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माइक्रोनेशन का राज्य होने का कोई कानूनी आधार नहीं 
सिडनी विश्वविद्यालय के व्याख्याता और  माइक्रोनेशंस एंड द सर्च फॉर सॉवरेन्टी  नामक नई पुस्तक के सह-लेखक हैरी हॉब्स कहते हैं कि एक माइक्रोनेशन संस्थापक यह कह सकता है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत राज्य होने की परिभाषा को पूरा करता है. समस्या यह है कि उसके पास किसी क्षेत्र पर संप्रभुता का प्रयोग करने का कोई वैध आधार नहीं है. 

क्या होते हैं माइक्रोनेशंस
माइक्रोनेशन वाकई में कोई देश नहीं होता है. माइक्रोनेशन एक स्वघोषित संप्रभु राज्य हो सकता है, लेकिन इसके अस्तित्व का कोई कानूनी आधार नहीं होता. यही वजह है कि अन्य राष्ट्र माइक्रोनेशन्स को मान्यता नहीं देते हैं.

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