ये उस लड़की की कहानी है, जिसे उसके ही माता-पिता ने अपने हाल पर छोड़ दिया. उसने जानवरों से दोस्ती कर ली. दोस्ती इतनी गहरी थी कि वो खुद उनकी तरह व्यवहार करना सीख गई. इसका नाम ऑक्साना मलाया है. वो कई साल से कुत्तों के साथ रह रही थी.
फिर एक दिन यूक्रेन के अधिकारियों की उस पर नजर पड़ी. वो खाना भी इन जीवों की तरह खाती थी. साथ ही इनकी तरह भौंका करती थी. ऑक्साना के माता पिता शराबी थे. इनके कई बच्चे थे. घर पर कुत्ते भी पाले हुए थे. तीन साल की उम्र से ही ऑक्साना इन कुत्तों के साथ अपना पूरा समय बिताती थी.
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, कुत्तों के साथ ऑक्साना की पहली मुलाकात एक सर्द रात में हुई. तब वो अपने पालतू कुत्ते नाइमा के डॉग हाउस में चली गई थी. वर्तमान में ऑक्साना की उम्र 42 साल है. वो अब इंसानों की तरह बोलना सीख गई है.
उसका कहना है, 'मां के ढेर सारे बच्चे थे, हमारे पास पर्याप्त बेड भी नहीं थे.' कुत्तों के साथ बड़े होने के कारण ऑक्साना इन्हीं की तरह दोनों हाथ और पैरों से चलने लगी. जमीन पर खाना गिराकर खाने लगी. उसने ये भी दावा किया कि वो कुत्तों से बात कर सकती है. उसने कहा, 'मैं उनसे बात कर सकती हूं, वो भौंकेंगे और मैं इसे दोहराऊंगी.'
साल 1991 में ऑक्साना को केयर होम में ले जाया गया था. वो छह साल तक कुत्तों के साथ रही थी. धीरे धीरे उसने इंसानों की तरह रहन सहन सीख लिया. उसे बोलना सिखाने के लिए थेरेपी दी गई. लेकिन वो आज भी कभी कभार कुत्तों की तरह व्यवहार करने लगती है.
उसका कहना है, 'जब मैं अकेला महसूस करती हूं, तो अपने आप को कुछ भी करते हुए पाती हूं, मैं चारों पैरों पर चलती हूं. इस तरह मैं अकेलापन महसूस करता हूं. क्योंकि मेरा कोई नहीं है, मैं अपना समय कुत्तों के साथ बिताती हूं, मैं सैर पर जाती हूं और जो कुछ भी मैं चाहती हूं वो करती हूं. किसी ने ध्यान नहीं किया कि मैं चार पैरों पर चलती हूं.'
यूक्रेन के मीडिया के अनुसार, ऑक्साना खेतों में भी काम करती है. हालांकि ऑक्साना ऐसी पहली इंसान नहीं है, जिसे जानवरों ने पाला हो. बल्कि इंग्लैंड के ब्रैडफोर्ड की मरीना चैपमैन को भी कथित तौर पर अपहरण के बाद लगभग पांच साल तक बंदरों के साथ रहना पड़ा था.
aajtak.in