कुछ लोगों को 20 साल तक बिना कोई काम किए सैलरी मिलते रहना एक सपने के सच होने जैसा लग सकता है. फ्रांस की एक महिला के साथ ऐसा वाकई में हुआ. महिला को बिना काम किए 20 साल तक सैलरी मिलती रही. अब उस महिला ने कंपनी पर ये कहते हुए मुकदमा किया है कि उसे इतने दिनों में पूरी बिना काम के मानसिक त्रासदी से गुजरना पड़ा.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेंच महिला लॉरेंस वैन वासेनहोव जो कि 59 साल की हैं, वो बताती हैं कि उनके लिए काम ना करते हुए और केवल सैलरी लेना एक साइकोलॉजिकल नाइटमेयर बन गया है. वो अब इस हरकत के लिए अपनी कंपनी पर मुकदमा कर रही हैं, जिन्होंने उनको जबरदस्ती काम नहीं करने दिया और हमेशा वर्कप्लेस से दूर रखने की कोशिश की है.
महिला यूरोप की एक बहुत बड़ी कंपनी पर कानूनी कार्रवाई कर रही हैं. महिला का आरोप है कि जॉब के दौरान महिला को कोई भी काम ऑफर नहीं किया गया. उन्होंने अपने साथ भेदभाव किए जाने की बात कही है. महिला का कहना है कि उसे 20 सालों तक एक ऐसा रोल दिया गया था जहां उसे कोई भी काम नहीं दिया जाता था.
महिला को क्यों नहीं दिया गया काम?
फ्रेंच महिला जो कि दो बच्चों की मां हैं, उन्होंने 1993 में ऑरेंज नाम की कंपनी जॉइन की थी. लेकिन महिला मिर्गी और हेमिप्लेजिया जैसी बीमारी से ग्रस्त हो गई. इस वजह से शरीर का एक हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया. इसके बाद से महिला कोई काम नहीं कर सकती थी. महिला कंपनी में एक एचआर असिस्टेंट थी, लेकिन उसकी मेडिकल समस्याओं के कारण उनका ट्रांसफर सेडेंटरी सेक्रेटेरियल में कर दिया गया. 2002 में महिला ने फ्रांस के किसी अन्य क्षेत्र में अपने ट्रांसफर का अनुरोध भी किया था पर उनकी हेल्थ से संबंधित कारणों के चलते उन्हें इसके लिए अयोग्य माना गया.
सैलरी मिली पर शान्ति नहीं
महिला बताती है कि उसे सैलरी तो मिल जाती थी, लेकिन उसे अक्सर निकाले जाने के नोटिस मिलते थे. जिस कारण उसे काफी संघर्ष करना पड़ता था. महिला ने FTV से बात करते हुए बताया कि उसे एक आउटकास्ट सेक्रेटरी की तरह ट्रीट किया जाता था. इससे उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशानी हुई. लॉरेंस आगे बताती हैं कि घर पर रहकर बिना काम किए पैसों का मिलना कोई विशेष अधिकार नहीं है, बल्कि इस अहसान को सहना काफी मुश्किल होता है. महिला ने फ्रेंच मीडिया आउटलेट Mediapart को बताया कि महिला की मौजूदगी के बावजूद उसके साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे कि वह वहां पर हो ही ना.
कंपनी ने दिया जवाब
वहीं ऑरेंज ने भी फ्रेंच आउटलेट La Dépêche बताते हुए कहा कि कंपनी ने महिला की पर्सनल सोशल सिचुएशन को ध्यान में रखा था. कंपनी ने यह भी दावा किया कि लॉरेंस को एक नया रोल देकर काम पर वापस लाने के लिए विचार किया गया था, लेकिन वह लगातार बीमारी की छुट्टियों पर रहती थी.
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