किसी को 1300 तो किसी को 900 साल की जेल! इस खूंखार गैंग के अपराधियों को मिली ऐसी सजा

अल साल्वाडोर ने सैकड़ों गिरोह सदस्यों के लिए कारावास की सजा की घोषणा की है. इनमें से कुछ दोषियों को सैकड़ों वर्षों की सजा मिली है. एक अपराधी ऐसा भी है जिसे 1335 वर्ष की सजा सुनाई गई है.

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अलसल्वाडोर के 240 कैदियों को सुनाई गई सख्त सजा (Photo - Pixabay) अलसल्वाडोर के 240 कैदियों को सुनाई गई सख्त सजा (Photo - Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST

अल साल्वाडोर में कुख्यात मारा साल्वाट्रुचा या एमएस-13 गिरोह के 240 से अधिक सदस्यों को सैकड़ों साल जेल की सजा सुनाई गई. रविवार को जारी सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, एक व्यक्ति को 1,335 साल की जेल की सजा सुनाई गई, जबकि 10 अन्य लोगों को 463 से 958 साल तक की जेल की सजा मिली.

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने X पर पोस्ट किया कि कुख्यात एमएस-13 स्ट्रीट गैंग के 248 सदस्यों को 43 हत्याओं और 42 लापता होने सहित अन्य अपराधों के लिए सख्त सजा सुनाई गई है. बयान में सजा की तारीख या यह बताया गया है कि  क्या आरोपियों पर सामूहिक रूप से मुकदमा चलाया गया था.

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इस शख्स को मिली 1335 साल की सजा

सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, एमएस-13 गिरोह के एक सदस्य, जिसकी पहचान मार्विन एबेल हर्नांडेज़ पलासिओस के रूप में हुई है. उसे 1,335 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई. जबकि 10 अन्य को 463 से 958 वर्ष तक की जेल की सजा मिली, पोस्ट में यह जानकारी दी गई है. अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि ये अपराध 2014 और 2022 के बीच किए गए थे.

क्या है एमएस-13 गैंग
मारा साल्वात्रुचा या एमएस-13 गिरोह एमएस  -13 गिरोह का गठन  1980 के दशक में लॉस एंजिल्स में सल्वाडोर के उन प्रवासियों द्वारा किया गया था जो अपने देश में चल रहे गृहयुद्ध से भागकर आए थे. इस गैंग का विस्तार ग्वाटेमाला और होंडुरास तक हो गया. इससे यह क्षेत्र दुनिया के सबसे हिंसक क्षेत्रों में से एक बन गया है. मध्य अमेरिका में इसकी हिंसक पकड़ उन कारणों में से एक है जो हजारों प्रवासियों को अमेरिका भागने के लिए मजबूर कर रही है.

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इस साल की शुरुआत में, अमेरिका ने एमएस-13 को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था और राष्ट्रपति ट्रम्प ने इसे दुनिया का सबसे क्रूर, सबसे बुरा गिरोह और बुराई से ग्रसित लोगों का समूह बताया था. उन्होंने कहा था कि ये लोग बीमार और विक्षिप्त हैं.

2022 से ही क्रिमिनल गैंग्स पर सख्त है अल सल्वाडोर सरकार
मार्च 2022 से अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले आपातकाल की स्थिति के तहत गिरोहों पर नकेल कस रहे हैं, जो बिना वारंट के गिरफ्तारी की अनुमति देता है.2022 से वो आपातकालीन शक्तियों के तहत शासन कर रहे हैं. इसमें उचित कानूनी प्रक्रिया सहित कई महत्वपूर्ण नागरिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गई हैं. 

राष्ट्रपति नायिब बुकेले का आयरन फिस्ट
उनकी नई व्यवस्था, जिसे Iron Fist कहा जाता है. इसके तहत बिना वारंट के गिरफ्तारियां की जा सकती है. इनमें 12 साल तक के नाबालिग भी शामिल हो सकते हैं. इसी नई व्यवस्था के तहत अपराधियों में डर पैदा करने के लिए जेल की सजा देने के नियम में भी नई व्यवस्था अपनाई गई है, इसमें अलग-अलग अपराध तय होने पर हर एक के लिए जितने भी साल की सजा तय होगी सब को जोड़ दिया जाएगा. 

अगर किसी पर हत्या, लूट और रेप के आरोप में सजा तय हुई है तो हर एक अपराध के लिए तय अलग-अलग जेल की अवधि को जोड़कर सजा सुनाई जाएगी. उदाहरण के तौर पर अगर हत्या के लिए 30, रेप के 25 और लूट के लिए 20 साल की सजा का प्रावधान है तो दोषी को 75 साल की सजा सुनाई जाएगी.  

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हर  57 सल्वाडोरवासियों में से एक जेल में
बुकेले की नई व्यवस्था से हर 57 सल्वाडोरवासियों में से एक जेल में है—जो अमेरिका की दर से तीन गुना और दुनिया में सबसे अधिक है. बुकेले के सहयोगियों ने शीर्ष न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया है और अदालतों को वफादारों से भर दिया है, जिससे उन्हें व्यापक जनसमर्थन के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए सफलतापूर्वक चुनाव लड़ने के संवैधानिक निषेध से बचने का मौका मिला है.

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