नार्वे में एक व्यक्ति के पेट में 12 साल तक ट्यूमर बनता रहा. इतने दिनों में ट्यूमर 60 किलो का हो गया. इस दौरान शख्स को यही लगता रहा कि वह मोटा हो रहा है और उसकी तोंद बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों को भी यकीन था कि नॉर्वे का यह आदमी 12 साल तक बस मोटा था.
उसका बढ़ता हुआ पेट वास्तव में 60 पाउंड के घातक ट्यूमर के साथ बढ़ रहा था. डॉक्टरों ने पाया कि ट्यूमर बढ़ गया है, जिसके बाद ट्यूमर को हटाने के लिए 10 घंटे की सर्जरी करनी पड़ी. 59 वर्षीय थॉमस क्राउट ने नॉर्वे के ओस्लो में ऑपरेशन करवाया, क्योंकि उनका पेट लगातार बड़ा होता जा रहा था, डॉक्टरों ने शुरू में उन्हें केवल अधिक वजन वाला माना था.
डॉक्टरों ने बताया था मोटापा
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्टों के अनुसार, शुरुआत में क्राउट को मोटापा बताकर उसे वजन घटाने और पोषण संबंधी कोर्स के लिए भेजा गया. जबकि उसके अंदर कैंसर बढ़ रहा था. मूल रूप से जर्मनी के क्राउट 2008 में ऑप्टिशियन के रूप में काम करने के लिए नॉर्वे चले गए, जबकि उनकी पत्नी इनेस मेडिकल सेक्टर में काम करती हैं.
2011 से ही पेट बढ़ना हो गया था शुरू
2011 में क्राउट को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगीं. उनका पेट लगातार बढ़ता जा रहा था. 2012 में उन्हें शुरू में टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का पता चला था. लेकिन 12 साल बाद, एक डॉक्टर ने उनके मोटापे से निपटने के लिए गैस्ट्रिक स्लीव ऑपरेशन की तैयारी करते हुए उन्हें करीब से देखा.
2019 में जाकर पेट के अंदर ट्यूमर होने का पता चला
तब डॉक्टर को एहसास हुआ कि क्राउट का न केवल वजन अधिक था, बल्कि उसके अंदर एक बड़ा घातक ट्यूमर भी बढ़ रहा था. क्राउट ने बताया कि - मेरा पेट बढ़ता जा रहा था. मैं एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर के पास गया और 2019 में जाकर मुझे आखिरकार गैस्ट्रिक स्लीव के लिए मंजूरी मिल गई.
12 साल तक डॉक्टर मोटापा और डायबिटिज का करते रहे इलाज
उनका कहना है कि -डॉक्टर हमेशा केवल अधिक वजन और मधुमेह के बारे में बात करते थे. मेरा डायबिटिज का इलाज भी चला और गैस्ट्रिक स्लीव से पहले मुझे कई सालों तक पोषण और फिटनेस कोर्स में भाग लेना पड़ा. डॉक्टर को जल्दी ही एहसास हो गया कि थॉमस के पेट की सख्त सतह वसा नहीं थी.
मोटापे के इलाज से पूरा शरीर हो गया पता पर नहीं घटी तोंद
डायबिटिज और मोटापे के इलाज और फिटनेस कोर्स के कारण मेरा वजन इतना कम हो गया था कि मेरा चेहरा और हाथ बहुत पतले हो गए थे. सिर्फ़ मेरा पेट बहुत बड़ा था। डॉक्टर ने तो यहाँ तक कह दिया कि मैं वास्तव में कुपोषित हूं. बाद में जब एक डॉक्टर ने सिटी स्कैन करवाया तब पेट में ट्यूमर का पता चला.
ट्यूमर से खराब हो गई किडनी
क्राउट ने बताया कि ट्यूमर से मेरी किडनी प्रभावित हुई थी, क्योंकि ट्यूमर मेरी दाहिनी किडनी को खा रहा था. क्राउट को एक दुर्लभ वसायुक्त ट्यूमर का निदान करने में डॉक्टरों को दो सप्ताह लग गए, जो वास्तव में वसा से घिरे कई छोटे कैंसर वाले क्षेत्रों से बना था. क्राउट का 26 सितंबर, 2023 को विशाल ट्यूमर को निकालने के लिए 10 घंटे का ऑपरेशन किया गया.
27 किलो था ट्यूमर का वजन
क्राउट के पेट से निकाले गए ट्यूमर का वजन 60.18 पाउंड (27 किलोग्राम) था और इसका व्यास 20.59 इंच (52.3 सेंटीमीटर) था. इसने उनके शरीर और उनकी छोटी आंत के हिस्से को काफी नुकसान पहुंचाया था और साथ ही उनकी दाहिनी किडनी को भी निकालना पड़ा था, और उनके अंदर अभी भी कैंसर वाले ऊतक बढ़ रहे हैं.
डॉक्टरों को खिलाफ शख्स ने किया है केस
क्राउट और उनकी पत्नी ने उन डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है जो इस विशाल और संभावित रूप से घातक ट्यूमर का पता लगाने में विफल रहे. शुरू में इसे खारिज कर दिया गया था क्योंकि ट्यूमर का प्रकार इतना दुर्लभ है कि डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें इसका पता लगाने में विफल रहने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता. उनके वकील ने केस खारिज होने के खिलाफ आपत्ति दर्ज कर ली है.
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