दिल्ली में सांस लेने के लिए 7 लाख नहीं 70 हजार सैलरी चाहिए! शख्स ने बताया कैसे मैनेज कर रहे अपने खर्चे

दिल्ली में 70 हजार कमा रहे शख्स को किराए के फर्नीचर पर हर महीने 5,000 रुपये और हाउसकीपिंग, कुक और किराने का सामान पर 20,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. 5,000 रुपये रोज के छोटे-मोटे सामान के लिए खर्च हो जाते हैं और 10,000 रुपये बाहर खाने, खरीदारी और अन्य खर्चों पर खर्च हो जाते हैं.

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How Man Survives In Delhi In 70 Thousand Salary, Post Viral (Image: Meta AI) How Man Survives In Delhi In 70 Thousand Salary, Post Viral (Image: Meta AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

राजधानी दिल्ली के एक शख्स का रेडिट पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पोस्ट के जरिए शख्स ने बताया है कि अगर आप दिल्ली में रहना चाहते हैं तो आपकी हर महीने 70 हजार की इनकम होना जरूरी है. पोस्ट में शख्स ने बताया कि दिल्ली में किराया, किराने का सामान, अगर आपके पास पालतू जानवर है तो उसकी देखबाल का खर्चे के सीमित बजट में पूरे किए जा सकते हैं. शख्स ने बताया कि वे कैसे 70 हजार सैलरी में अपने खर्चे मैनेज कर रहे हैं.

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शख्स ने लिखा, मैं महीने में 50 हजार से भी कम कमाता हूं और दिल्ली में आराम से सांस ले पाता हूं.” हालांकि, कुछ महीनों में इससे ज्यादा कमाई हो जाती है और बिना परेशानी के घर की जरूरतों का ख्याल रखा जा सकता है. शख्स ने बताया कि वे साउथ दिल्ली के 2BHK DDA फ्लैट में रहता हैं, जिसका किराया 24,000 रुपये है. किराए के फर्नीचर पर उन्हें हर महीने 5,000 रुपये और हाउसकीपिंग, कुक और किराने का सामान पर 20,000 रुपये खर्च करने पड़ते हैं. 5,000 रुपये छोटे-मोटे खर्चे के लिए अलग रखे जाते हैं और 10 हजार रुपये बाहर खाने, खरीदारी और अन्य खर्चों पर खर्च किए जाते हैं.

ना कोई EMI ना ही कोई लोन

शख्स ने पोस्ट में आगे लिखा कि “मेरे पास छुट्टियों के लिए कोई सक्रिय बजट नहीं है, लेकिन हम एक बजट बनाने और भारत और कुछ आस-पास के एशियाई देशों की यात्रा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” शख्स अपनी पत्नी के साथ रहता है और उनके पास तीन पालतू जानवर हैं, लेकिन इस समय सिर्फ एक ही उनके साथ रहता है. जरूरत पड़ने पर वे किसी तरह इलाज का खर्च जुटा लेते हैं. उनके पास न तो कार है, न कोई महंगे गैजेट, वे क्रेडिट कार्ड नहीं रखते और न ही किसी तरह की EMI या लोन पर जीते हैं.

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इसके बाद शख्स ने पोस्ट में लिखा कि "हमें दिल्ली में सांस लेने के लिए हर महीने सात लाख रुपये की जरूरत नहीं है. हमारा काम 70 हजार रुपये में भी चल सकता है." शख्स ने आगे लिखा,  "मुझे उम्मीद है कि गुड़गांव में रहने वाले 7 लाख रुपये महीने कमाने वाले लोग भी इस बात को समझेंगे."

शख्स के इस पोस्ट में रेडिट यूजर्स के मिक्स रिएक्शन सामने आ रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट में लिखा, "26 लाख रुपये प्रति वर्ष वाले लोग ऐसे खर्च करते हैं जैसे वे तनख्वाह से तनख्वाह तक जी रहे हों." कई उपयोगकर्ता इस बात से सहमत थे भारत में एक सामान्य मध्यम वर्ग का जीवन कैसा दिखता है. अच्छी आय, प्रबंधनीय खर्च, परिवार का समर्थन और बिना किसी लोन का जीवन. वहीं एक और यूजर ने लिखा, आपात स्थिति के लिए बचत, हां लेकिन 1-1.5 लाख रुपये प्रति माह बचाने की कोशिश करना और उसे मध्यम वर्ग कहना भ्रम है."

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