यूक्रेन पर हमले में मारा गया था बेटा , 2 साल बाद न्यूज पेपर की फोटो में दिखा जिंदा

यूक्रेन से भागकर अमेरिका में रह रहे एक परिवार ने उस वक्त राहत की सांस ली, जब एक न्यूज रिपोर्ट में उन्हें अपने बेटे की तस्वीर दिखाई दी. दरअसल, जिस बेटे को माता-पिता दो साल से मरा हुआ समझ रहे थे, असल में वो जिंदा था.

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माता-पिता को जिंदा मिला बेटा (फोटो - Meta AI) माता-पिता को जिंदा मिला बेटा (फोटो - Meta AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:53 PM IST

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक ऐसा किस्सा सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. अमेरिका के वॉशिंगटन में रहने वाले एक परिवार को दो साल तक यह यकीन था कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन हाल ही में उन्होंने अपने बेटे की तस्वीर एक न्यूज रिपोर्ट में देखी, जिससे उन्हें पता चला कि वह जीवित है.

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वलेरिया और रोमन बिलेत्स्की नाम का यह परिवार फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन से भागकर अमेरिका आ गया था. इस दौरान उनका 25 वर्षीय बेटा रोमन जूनियर यूक्रेन में ही रह गया था. बाद में उन्हें सूचना मिली कि उनका बेटा हमले के दौरान मारा गया.

न्यूज रिपोर्ट में देखी बेटे की तस्वीर
करीब दो साल के बाद बिलेत्स्की परिवार ने अपने बेटे को एक न्यूज पेपर की फोटो में देखा. यह फोटो उन लोगों की थी, जिन्हें हाल ही में रूस की जेल से रिहा किया गया था. इसके बाद 30 दिसंबर को उन्हें आधिकारिक तौर पर बताया गया कि उनका बेटा जिंदा है और रूस की जेल से रिहा हो चुका है.

रूस के जेल में बंद था लड़का 
रोमन जूनियर मई 2022 में मारियुपोल में नागरिकों की रक्षा करते हुए रूसी सैनिकों द्वारा पकड़ा गया था. इसके बाद परिवार को उसकी कोई खबर नहीं थी. परिवार को लगा कि रूसी सैनिकों के हमले में बेटा मारा गया. 

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दो साल बाद सुनी बेटे की आवाज
रोमन जूनियर ने जेल से रिहा होने के बाद सबसे पहले अपनी मां को फोन किया. उनके पहले शब्द थे - मां, मत रोना.  मां, मैं घर आ गया हूं. यह सुनकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. रोमन जूनियर की रिहाई रूस और यूक्रेन के बीच हुई हालिया कैदी अदला-बदली का हिस्सा थी. इस अदला-बदली में 189 यूक्रेनी सैनिकों, सीमा रक्षकों और दो नागरिकों को रिहा किया गया. वहीं, रूस ने 150 अपने सैनिकों को छुड़वाया.

बेटे को मृत समझ रहे थे माता-पिता
युद्ध के दौरान रोमन जूनियर को लेकर परिवार को काफी दर्द सहना पड़ा. एक समय तो उन्हें बताया गया कि उनका बेटा मारा जा चुका है. यह खबर उन्हें राष्ट्रपति जेलेंस्की के कार्यालय से एक आधिकारिक पत्र के जरिए मिली थी. हालांकि, परिवार को तब राहत मिली जब उन्होंने अपने बेटे की तस्वीर एक रूसी जेल में देखी.

बेटे के इलाज के लिए फंड जुटा रहा परिवार
युद्ध में लगी चोटों से रोमन जूनियर अभी भी उबर रहे हैं. उनकी मां वलेरिया को वापस यूक्रेन भेजने और बेटे का इलाज कराने के लिए परिवार ने एक फंडरेजर शुरू किया है, जिसमें अब तक $4,820 जुटाए जा चुके हैं. रोमन सीनियर कहते हैं कि मैंने अपने बेटे को यूक्रेन में छोड़ने का फैसला बड़ी मुश्किल से लिया. लेकिन मुझे यकीन था कि वह मजबूत है और खुद को संभाल सकता है.

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