कॉमेडी मजाक नहीं है, स्टैंडअप कॉमेडी तो बिलकुल भी नहीं. बतौर स्टैंड-अप कॉमेडियन जब आप मंच पर किसी मुद्दे पर, हास्य का तड़का लगाकर पेश कर रहे होते हैं. तो इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि आपकी कॉमडी, किसी की धार्मिक भावना से लेकर मनोस्थिति तक कुछ भी आहत न करे. दौर सोशल मीडिया का है. वायरल कंटेंट का राज है. ऐसे में हर स्टैंड अप कॉमेडियन यही चाहता है कि, वो कुछ ऐसा करे. जिसके बल पर उसे चुटकी बजाते ही शोहरत मिल जाए और वो फेमस हो जाएं. मगर कॉमेडियन ये भूल जाते हैं कि, जिस कंटेंट को वो कॉमेडी का नाम दे रहे हैं. क्या पता वो किसी को आहत कर दे. या फिर न चाहते हुए कोई विवाद उनके गले पड़ जाए.
फ़िलहाल स्टैंड-अप कॉमेडियन विदुषी स्वरूप के साथ जो हो रहा है, उसे देखकर तो यही लग रहा है कि, जिसे उन्होंने कॉमडी बताया. दरअसल वो कॉमेडी न होकर फूहड़ता है. स्टैंडअप कॉमेडियन विदुषी स्वरूप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में विदुषी वेश्यावृति को कूल मानती हुई नजर आ रही हैं. वीडियो में विदुषी ने वेश्यावृति की तुलना अन्य प्रोफेशन से की है और ऐसा बहुत कुछ कह दिया है जिसके बाद विवाद हो गया है.
वायरल वीडियो में विदुषी ये कहते हुए सुनाई पड़ रही हैं कि मुझे ना वेश्यावृत्ति बड़ा कूल प्रोफेशन लगता है. मैं प्रूव करूंगी कैसे! वेश्यावृत्ति में एक्सपीरियंस (अनुभव) को लेकर कोई पक्षपात नहीं है. भले ही NCRB तक अपनी रिपोर्ट में इस बात को कहता हो कि देश में तमाम छोटी बच्चियों को जबरन वेश्यावृत्ति के धंधे में डाला जाता है लेकिन विदुषी को इससे फर्क नहीं पड़ता.
इतने गंभीर मसले पर अपनी असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए विदुषी कहती हैं कि, उनको फ्रेशर्स चाहिए, वो ब्लैक में कच्ची कलियां मंगवा रहे हैं. वेश्यावृत्ति अकेला ऐसा धंधा है जहां सीईओ से ज्यादा इंटर्न कमा रहे हैं. इतने बड़े मसले पर बतौर कॉमेडियन विदुषी कितनी असंवेदनशील थीं इसका अंदाजा उनकी उस बात से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा कि वेश्यावृत्ति करने वालों को शेखों के साथ दुबई ट्रिप मिल रही हैं.
सवाल ये है कि क्या विदुषी कभी ऐसी महिलाओं से मिली हैं जो इस नरक को भोग रही हैं? अपने वीडियो में इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशन कजी तुलना वेश्यावृति से कर विदुषी ने ये बता दिया है कि आज सोशल मीडिया पर कुछ भी परोसा और लोगों को हंसाया जा सकता है.
स्टैंडअप कॉमेडी एक तेजी से उभरती हुई इंडस्ट्री है. ऐसे में कॉमेडी के नाम पर विदुषी ने जो कुछ भी कहा उसके बाद सवाल हम भी करना चाहेंगे कि एक ऐसे वक़्त में जब ग्लोबली फीमेल स्टैंड अप कॉमेडियन अपने कंटेंट को और बेहतर बनाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही हों भारत में विदुषी जैसे स्टैंड अप कॉमेडियन अपने कंटेंट को फनी क्यों नहीं बना पाते?
चाहे विदुषी हो या फिर कोई और स्टैंड अप कॉमेडियंस को इस बात को समझना होगा कि कॉमेडी और फूहड़ता में बाल बराबर अंतर है. फूहड़ता से आप इंडस्ट्री में आ तो सकते हैं लेकिन बहुत दिन बने रहें ये थोड़ा मुश्किल है. वाक़ई ये देखना अपने में दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक कॉमेडियन कॉमेडी के नाम पर मंच पर खड़ा होकर फूहड़ता परोस रहा था और नीचे बैठे लोग हंस रहे थे, उन्हें मजा आ रहा था.
बिलाल एम जाफ़री