मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करने से पहले नहीं रखा ये ध्यान तो हैक हो सकता है फोन

स्मार्टफोन में कोई भी ऐप इंस्टॉल करने से पहले आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए. क्योंकि आपसे एक गलती हुई और आपका फोन हैक हो सकता है. काफी लोग ये ऐप इंस्टॉल करते समय ये गलती करते हैं.

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Mobile apps (AI Image) Mobile apps (AI Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST

स्मार्टफोन में ऐप डाउनलोड करते समय आपको कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए. एक गलत ऐप आपके फोन को हैक करा सकता है. हैकिंग का मतलब ये है कि आपके साथ साइबर फ्रॉड हो गया और आपके अकाउंट से जिंदगी की कमाई हवा हो सकती है. 

गूगल प्ले स्टोर हो या ऐप स्टोर - हर जगह फ्रॉड ऐप्स की भरमार है. ऐपल और गूगल अपने प्ले स्टोर और ऐप स्टोर को काफी सिक्योर बताते हैं. दावा करते हैं कि यहां हाई लेवल AI फिल्टर्स लगे हैं ताकि कोई फेक ऐप यहां रजिस्टर नहीं किया जा सके. लेकिन बावजूद इसके गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर फर्जी ऐप्स काफी हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

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जरूर चेक करें पब्लिशर...

किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसका पब्लिशर जरूर चेक करें. प्ले या ऐप स्टोर पर ऐप के नाम के ठीक नीचे पब्लिशर का नाम होता है और आप वहां टैप करके पब्लिशर जान सकते हैं. आपको ये पता चलेगा कि वो ऐप किस कंपनी का है. अगर पॉपुलर ऐप नहीं है तो आप उस पब्लिशर का नाम गूगल कर सकते हैं. कई बार गूगल पर आपको पब्लिशर का नाम डालते ही उससे जुड़े फ्रॉड की खबर मिल सकती है.

ऐप स्टोर पर App Privacy देखें...

ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड करने से पहले App Privacy सेक्शन देखें. वहां आपको ये दिखेगा कि जो ऐप आप अपने फोन में डाउनलोड करने जा रहे हैं वो आपका कितना डेटा लेगा. डेटा यानी आपकी पर्सनल इनफॉर्मेशन. कई बार ऐप्स आपके स्मार्टफोन के कई गैरजरूरी परमिशन रखते हैं. फॉर एग्जांप्ल - आप फोटो एडिटिंगा का कोई ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं, लेकिन वो आपके कॉन्टैक्ट्स को ऐक्सेस कर रहा है तो जाहिर है कुछ ना कुछ प्रॉब्लम है. 

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गूगल प्ले स्टोर पर Data Safety देखें...

इसी तरह गूगल प्ले स्टोर पर डेटा सेफ्टी सेक्शन में जा कर आप देख सकते हैं कि वो ऐप आपका कितना डेटा कलेक्ट करेगा. हालांकि ऐपल जितनी डिटेल्स App Privacy सेक्शन में देता है उतनी जानकारी गूगल नहीं देता है. लेकिन फिर भी काफी हद तक आपको यहां से पता चलेगा कि जो ऐप आप डाउनलोड कर रहे हैं वो आपका कितना डेटा कलेक्ट कर रहा है. 

असली जैसे दिखने वाले नकली ऐप्स भी ऐप और प्ले स्टोर पर काफी होते हैं. कई ऐसे लोग हैं जिन्हें ChatGPT का फेक ऐप इंस्टॉल कर रखा है, क्योंकि प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर ChatGPT सर्च करने पर पहला रिजल्ट स्पॉन्सर्ड होता है. यानी कंपनियां ऐपल और गूगल को ऐप स्टोर पर टॉप सर्च में दिखने के लिए मोटी रकम देते हैं. 

Sponsored Apps का रखें ध्यान...

कभी भी स्पॉन्सर्ड ऐप के चक्कर में ना पड़े और यहीं पब्लिशर चेक करने की आपको सबसे ज्यादा जरूरत होती है. डिजिटल अवेयरनेस की कमी की वजह से लोग अपने फोन में ऐप के नाम पर स्पैम इंस्टॉल कर लेते हैं और बाद में जब साइबर फ्रॉड होता है तब तक देर हो चुकी होती है. क्योंकि जैसे ही आपने कोई शेडी ऐप फोन पर इंस्टॉल किया वो आपका पर्सनल डेटा कलेक्ट करता रहता है. 

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ऐप डाउनलोड करते वक्त आप ऐप के लोगो का भी खास ध्यान रखें. फॉर एग्जांपल ChatGPT के लोगो की तरह ही कई ऐप्स के लोगो या आइकॉन हैं. थोड़ा बहुत बदलाव करके वो ऐप स्टोर या प्ले स्टोर पर अपना ऐप रजिस्टर कर देते हैं ताकि जो यूजर असली ऐप इंस्टॉल करने आए उसे आइकॉन या लोगो से बेवकूफ बनाया जा सके. इसलिए आपको लोगो भी ध्यान से देखना होगा. 

एक ऐप में इतनी पावर होती है कि वो आपके स्मार्टफोन में आपकी तमाम जानकारी मिनट भर में हैकर के पास पहुंचा सकता है. क्योंकि कोई ऐप आपके फोन की तमाम सेंसिटिव परमिशन ले सकता है. एक बार परमिशन दे दी तो वो आपके फोन का स्क्रीन की लगातार रिकॉर्डिंग से लेकर कॉल सुन सकता और बैंक अकाउंट तक का ऐक्सेस ले सकता है. 

 

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