डेटा चुराने के लिए Hackers भेज रहे Fake SMS, क्या आपको भी आया है मैसेज? ना करें ये गलती

Smartphone Tips: क्या आपको भी हैकिंग से जुड़े SMS आ रहे हैं? हैकर्स ने लोगों को फंसाने के लिए नया तरीका खोजा है. अब यूजर्स को सरकार के नाम पर हैकिंग के मैसेज भेज रहे हैं. इस मैसेज में हैकर्स ने एक लिंक छिपा रखा है, जिस पर क्लिक करते ही आपका डेटा उन तक पहुचने लगेगा. आइए जानते हैं स्मार्टफोन हैकिंग के इस नए तरीके की डिटेल्स.

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Fake SMS का नया खेल, हैकर्स ऐसे फंसा रहे हैं यूजर्स को Fake SMS का नया खेल, हैकर्स ऐसे फंसा रहे हैं यूजर्स को

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST

क्या आपको भी फोन में वायरस के मैसेज आ रहे हैं? वायरस के मैसेज से हमारा मतलब ऐसे टेक्स्ट मैसेज से है, जिसे सरकार के नाम पर भेजा रहा है. इस मैसेज में यूजर्स के डिवाइस में मालवेयर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. दरअसल, एक ट्विटर यूजर ने इस तरह के मैसेज की जानकारी दी है, जो एक स्कैम हो सकता है. 

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ट्विटर यूजर रोशन कुमार ने बताया कि हैकर्स डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन के नाम पर मैसेज भेज रहे हैं. ये मैसेज देखने में कहीं से भी फर्जी नहीं रहा है. इसके मैसेज के साथ एक लिंक भी है, जिसे यूजर्स का डेटा चोरी करने के लिए भेजा जा रहा है. 

क्या आ रहा है मैसेज?

रोशन कुमार ने ट्वीट करके बताया कि उन्हें दूरसंचार विभाग के नाम से एक मैसेज आया है. इस SMS में लिखा था कि उनका फोन मालवेयर से प्रभावित हुआ है. भारत सरकार के हिसाब से उन्हें cyberswachhtakendra.gov.in पर रिडिम्शन के लिए विजिट करना चाहिए.

ये वेबसाइट फिशिंग लिंक है, जिस पर क्लिक करते ही आपका डेटा चोरी हो सकता है. यह मैसेज देखने में सही लगता है क्योंकि सरकार साइबर स्वच्छता प्रोजेक्ट चला रही है. इस मैसेज में असली खेल लिंक का है.

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क्या है असली खेल?

दरअसल, सरकार के साइबर स्वच्छता प्रोजेक्ट की वेबसाइट csk.gov.in है, जबकि फ्रॉड्स जो मैसेज भेज रहे हैं उसमें cyberswachhtakendra.gov.in दी गई है. ट्विटर यूजर ने इस मैसेज में TRAI, DoT और Jio तीनों को ही टैग किया है. 

जियो ने इस पर रिप्लाई करते हुए मैसेज के स्कैम होने की संभावना जताई है. अगर आपको भी इस तरह का कोई मैसेज आया है, तो इस पर क्लिक नहीं करें. सरकार साइबर स्वच्छता प्रोजेक्ट चलाती है, जिसका काम लोगों को बॉटनेट्स की जानकारी देना है. 

ये बॉटनेट्स यूजर्स के डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव का हिस्सा है, जो मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के तहत काम करता है. 

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