कंपनी ने महिला कर्मचारी को बोला- लॉग आउट के बाद सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी नहीं

दिसंबर 13, 2005 में हुई एक बीपीओ कर्मचारी प्रतिभा की हत्या ने पूरे इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया था.

Advertisement
मनीषा कुमारी मनीषा कुमारी

मोहित ग्रोवर

  • बेंगलुरु,
  • 15 जून 2017,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

दिसंबर 13, 2005 में हुई एक बीपीओ कर्मचारी प्रतिभा की हत्या ने पूरे इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया था. इस घटना के बाद विशेष रूप से आईटी /बीटी और बीपीओ कंपनियों अच्छे सुरक्षा उपायों के लिए कई परिवर्तन किए.

हालांकि, बेंगलुरु में जहां यह घटना हुई, उसे देखकर ऐसा लगता है कि कुछ कंपनियां रात में काम कर रही महिला कर्मचारियों को टैक्सी पिक-अप और ड्रॉप सुविधा ना देकर पैसे बचाने की कोशिश में लगी हुई है. एक आईडीसी टेक्नोलॉजीज, जो मदिवाला में होसुर मेन रोड पर स्थित है. बता दें कि इस कंपनी का अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको और भारत में वैश्विक ऑपरेटिंग सेंटर है.

Advertisement

मनीषा कुमारी, जो कि यहां काम करती है, उन्होंने अपने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में कंपनी के अधिकारियों का जो गलत रवैया है, उसे बाहर लाने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि जब फरवरी में उन्होंने वहां जॉइन किया था, तब उन्हें पूरे महिने के लिए कोई पिकअप और ड्रॉप सुविधा नहीं मिली. उन्होंने बताया कि मैंने चीजों को सुलझाने की कोशिश भी की लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. आज तक, कंपनी ने कोई भी टैक्सी सुविधा नहीं प्रदान की है.

उन्होंने इंडिया टुडे को बताया कि यह पिछले कुछ महीनों से ही नहीं है, लेकिन यह मुद्दा पिछले 2 सालो से खींच रहा है. शुरू में, महिला कर्मचारी 6.30 बजे से 3.30 बजे तक काम करते थे, लेकिन जब उन्होंने शिकायत की कि क्या उन्हें सुबह पिकअप नहीं मिल सकता तो उनका समय 7.30 बजे से 4.30 बजे तक कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जो महिला कर्मचारी दूर से आती है, उसके लिए ये बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है. सुबह जब ऑफिस के लिए जल्दी निकलें तो ऑटो, बस या टैक्सी के लिए बहुत परेशानी होती है.

Advertisement

कैब ड्राइवर ने किया दुर्व्यवहार
उन्होंने बताया कि यह बहुत ही जोखिम भरा है. साथ ही उन्होंने बताया कि वो खुद ऑफिस से केवल से 4 किमी की दूरी पर रहती है. इसके बावजूद उन्होंने ऐसी तीन घटनाओं का सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि एक बार, सिल्क बोर्ड जंक्शन के पास एक कैब ड्राइवर ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. उन्हें कम्पनी से तब से कोई मदद नहीं मिली है, स्पष्ट रूप से कहा था कि कंपनी केवल तब तक जिम्मेदार है, जब तक वे काम कर रही हैं. ऑफिस से लॉग आउट करने के बाद से वो इसके कोई जिम्मेदारी नहीं है.

मंत्रियों ने कहा कि कार्रवाई होगी
मनीषा ने आईटी मंत्री प्रियंक खड़गे से मुलाकात की, उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि वो एक उनके विभाग के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करे. उसके बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इंडिया टुडे को बताया कि उनका विभाग इन नियमों का पालन करने के लिए हर तिमाही या छह महीने में इन कंपनियों को लिखते है. मंत्री ने यह भी वादा किया था कि, अगर कंपनियां इन नियमों का उल्लंघन करती हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे क्योंकि इसके लिए निर्धारित नियम हैं.

आईडीसी टेक्नोलॉजीज के अधिकारी कैब सुविधा के प्रयास में लगे हुए
इंडिया टुडे ने इस मामलें की तह तक जाने के लिए आईडीसी टेक्नोलॉजीज का दौरा किया. लेकिन जब उनसे बात हुई तो उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ भी है, हमनें ऐसा कुछ भी गलत नहीं किया. इसके साथ ही एक अधिकारी ने अपने बचाव में कहा कि कैब की सुविधा के लिए हम प्रयास में लगे हुए है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रबंधन बजट फाइल करते ही हम कैब की सुविधा उपलब्ध करवा देंगे. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कंपनी ने उनकी सीटीसी बढ़ाई है ताकि महिला कर्मचारी अपने परिवहन का प्रबंधन कर सकें. 2016 के बाद से राज्य सरकार ने महिलाओं को सभी क्षेत्रों में रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति पर प्रतिबंध हटा दिया है. अधिनियम 1948 में संशोधन किया गया ताकि महिलाओं की सुरक्षा और गोपनीयता की जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए पिकअप और ड्रॉप में सुविधा शामिल है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement