CAA के खिलाफ बंद के दौरान बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसक झड़प, दो लोगों की मौत

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देश के कई शहरों में प्रदर्शन चल रहा है. इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी लोग प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो मामला हिंसक हो गया और आपसी टकराव में हिंसा भड़क उठी.

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सीएए के खिलाफ देश के कई शहरों में जारी है प्रदर्शन (फाइल-PTI) सीएए के खिलाफ देश के कई शहरों में जारी है प्रदर्शन (फाइल-PTI)

मनोज्ञा लोइवाल / मौसमी सिंह

  • कोलकाता/नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:06 PM IST

  • TMC कार्यकर्ता सड़क जाम करके कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
  • स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भड़की हिंसा, 5 लोग घायल

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा हुई है. मुर्शिदाबाद के जलांगी इलाके में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं और स्थानीय लोगों में झड़प के बाद हिंसा भड़की है. मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गई है.

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टीएमसी कार्यकर्ता सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया और दोनों पक्षों में झड़प हुई. झड़प ने धीरे-धीरे हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया. इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा पांच गंभीर रूप से घायल हैं.

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान टीएमसी के स्थानीय नेता और लोगों के बीच तनातनी के बाद मुर्शिदाबाद के जलांगी इलाके में हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक लापता बताया जा रहा है और पांच लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

टीएमसी के लोग गुंडेः अधीर रंजन चौधरी

बंगाल में हुई हिंसा पर कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी और बीजेपी को लताड़ते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लोगों ने बम और बंदूर लेकर हमला किया. उनका जो नेता है वह भी खूनी है, उन्होंने नागरिकों के ऊपर हमला किया.

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उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में टीएमसी के पास बम और बंदूक है. प्रशासन और पुलिस उनकी है, वो कुछ नहीं करते. टीएमसी के लोग गुंडे हैं और यह तो सबको पता है यह तो मैं कई बार बोल चुका हूं.

चौधरी ने कहा कि अब बीजेपी के पास भी बम और गोली है तो इसलिए बंगाल की हालत बद से बदतर होती चली जा रहे है. वह चाहे तो यह सब रोक सकते हैं क्योंकि केंद्र में सरकार उनकी है और पुलिस उनकी है. केंद्र से एनआईए भेज सकते हैं. सीबीआई से कह सकते हैं कि यह रोक सकते हैं.

अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं

मामला उस समय भड़क उठा जब स्थानीय लोगों ने सीएए और एनआरसी को रद्द करने की मांग करते हुए सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन जब जिला प्रशासन स्थानीय निवासियों को हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सड़क खोलने को कहा.

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इस बीच मामला बिगड़ गया और वहां पहले आपस में झगड़ा हुआ और फिर एक-दूसरे की पिटाई शुरू कर दी जिसके कारण भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी.

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हालांकि अब तक किसी को गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया गया है. इस झड़प में 35 साल के अनारुल बिस्वास की गोलीबारी में मौत हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस आसपास थी लेकिन उसकी ओर से फायरिंग नहीं की गई.

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